Rajasthan News: बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद रहे मानवेंद्र सिंह जसोल (Manvendra Singh) शुक्रवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की जनसभा में भाजपा में वापसी करेंगे. मानवेंद्र सिंह जसोल अटल बिहारी वाजपेई सरकार में वित्त विदेश और रक्षा मंत्री रहे हैं. वे भाजपा के संस्थापक सदस्य में शामिल जसवंत सिंह जसोल (Jaswant Singh) के बेटे हैं. मानवेंद्र सिंह जसोल ने 1999, 2004 और 2009 में भाजपा की टिकट पर बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और 2004 में जीतकर सांसद बने और फिर भाजपा की टिकट पर 2013 में शिव विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे.
वसुंधरा राजे से थी अदावत
जसवंत सिंह जसोल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से टिकट की मांग की थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अदावत के चलते उनकी टिकट कट गई. जिसके बाद जसवंत सिंह जसोल ने बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए और भाजपा से चुनाव लड़ रहे कर्नल सोनाराम चौधरी से चुनाव हार गए. इस चुनाव के बाद बाड़मेर जैसलमेर सहित मारवाड़ में भाजपा का मूल वोट बैंक माने जाने वाला राजपूत समाज भाजपा से नाराज हो गया.
2018 में छोड़ दी थी बीजेपी
2018 में कर्नल मानवेंद्र सिंह ने पचपदरा में बड़ी स्वाभिमान सभा का आयोजन कर 'कमल का फूल हमारी भूल' बोलकर भाजपा छोड़ने का ऐलान किया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह जसोल को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन से विधानसभा चुनाव लड़ाया था. लेकिन मानवेंद्र सिंह यह चुनाव हार गए. 2019 में कांग्रेस ने उन्हें बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन इस चुनाव में मोदी लहर के चलते भाजपा के कैलाश चौधरी से चुनाव हार गए. इसके बाद कांग्रेस की गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाते हुए राज्य मंत्री का दर्जा दिया था और 2030 के विधानसभा चुनाव में बाड़मेर की सिवाना सीट टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन यह चुनाव भी जीतने में कामयाब नहीं हो पाए.
कैलाश के टिकट से राजपूत नाराज
आपको बता दें कि बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से भाजपा ने कैलाश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. इसके बाद बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से राजपूत प्रत्याशी की मांग के चलते राजपूत वोट बैंक भाजपा से नाराज चल रहा था और रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के चलते राजपूत समाज का वोट बैंक उनके साथ जाता हुआ नजर आ रहा है, जिसका सबसे बड़ा नुकसान भाजपा होने होते दिख रहा है. मानवेंद्र सिंह जसोल और उनके परिवार का मारवाड़ में बड़ा राजनीतिक परिवार माना जाता है और खासकर राजपूत समाज में खासा प्रभाव देखा जाता है. 2018 में जसोल परिवार की नाराजगी के भाजपा को मारवाड़ में बड़ा नुकसान हुआ था. ऐसे में राजपूत समाज को साधने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में मानवेंद्र सिंह जसोल की भाजपा में वापसी होगी.
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