Rajasthan Politics: राजस्थान के अंता विधानसभा से विधायक कंवरलाल मीणा को 2005 में SDM पर रिवॉल्वर तानने के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं हाईकोर्ट ने भी विधायक की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुना दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने विधायक को सरेंडर करने का निर्देश दे दिया है. ऐसे में राजस्थान में सियासी बवाल भी शुरू हो गया है. कांग्रेस ने विधायक कंवरलाल मीणा के विधानसभा सदस्यता रिस्त करने की मांग की है. इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कंवरलाल मीणा के खिलाफ झालावाड़ एडीजे कोर्ट द्वारा मीणा को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है. ऐसे में स्वतः ही सदस्यता रद्द हो जानी चाहिए.
दो साल से ज्यादा की सजा सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं
कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की है कि संविधान और नियमों के तहत दो साल से अधिक की सजा पाए व्यक्ति को विधानसभा सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं है. ऐसे में कंवरलाल मीणा की सदस्यता स्वतः ही समाप्त होनी चाहिए. डोटासरा और जूली ने एक संयुक्त बयान में कहा उच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात यह स्पष्ट हो गया है कि विधायक कंवरलाल मीणा अब विधानसभा की सदस्यता के योग्य नहीं हैं. लोकतंत्र की मर्यादा और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए उनकी सदस्यता तत्काल रद्द की जानी चाहिए.
साल 2005 का है मामला
विधायक कंवरलाल मीणा के खिलाफ मामला साल 2005 का है, जब तत्कालीन SDM रामनिवास मेहता से किसी बात को लेकर तीखी बहस हो गई थी. इसी दौरान मीणा ने रिवॉल्वर निकालकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. इस प्रकरण में साल 2018 में एसीजेएम कोर्ट मनोहरथाना ने सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए मीणा को बरी कर दिया था. बाद में मामला एडीजे कोर्ट में पहुंचा था और एडीजे कोर्ट ने भी इस पूरे मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी. इस सजा के खिलाफ विधायक कंवरलाल मीणा राजस्थान हाई कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा है.
यह भी पढ़ेंः Rajasthan: हिरासत में लिए गए बेनीवाल, SI भर्ती रद्द को लेकर दे रहे थे धरना, बोले- हमारे इरादे कमजोर नहीं कर सकते