Rajasthan Politics: 'आपने जनता को भाजपा की सच्चाई बताई' गोविंद सिंह डोटासरा ने क्यों की वसुंधरा राजे की तारीफ़?

Vasundhara Raje News: दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को झालावाड़ के रायपुर क़स्बे में दौरे पर थी. इस दौरान उन्हें वहां लोगों से  पेयजल संकट को लेकर शिकायत मिली तो उन्होंने फौरन अधिकारियों की क्लास लगा दी. अब डोटासरा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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वसुंधरा राजे के बयान पर डोटासरा ने उन्हें 'धन्यवाद' दिया है.

Rajasthan News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मंगलवार को दिए गए बयान के बाद कांग्रेस भी प्रदेश की सरकार पर हमलावर हो गई है. राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को ट्वीट करते हुए वसुंधरा राजे को धन्यवाद दिया है. डोटासरा ने ट्वीट करते हुए लिखा, '' धन्यवाद वसुंधरा राजे जी, राजस्थान की जनता को निष्क्रिय भाजपा सरकार की सच्चाई बताने के लिए. "अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी" भजनलाल सरकार की विफलताओं का यह व्याख्यान विपक्ष के किसी नेता ने नहीं, बल्कि भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी कर रही हैं.

उन्होंने आगे लिखा, ''भाजपा सरकार के कुप्रबंधन से प्रदेश में बिजली-पानी की समस्या गहराती जा रही है, सरकार ने डेढ साल में कोई प्रबंध नहीं किया. हावी अफसरशाही की वजह से सरकार की तैयारियां और नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित है.

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''दुर्भाग्य है राजस्थान की जनता का, जिन्होंने जनता की सरकार चुनने की जगह भ्रष्टाचारियों और अवसरवादियों के झांसे में आकर उन्हें सत्ता सौंप दी. पर्ची सरकार से वसुंधरा राजे जी की यह ललकार जनता का भला करेगी या फिर पर्ची बदलवाएगी?''

क्या कहा था वसुंधरा राजे ने ? 

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को झालावाड़ के रायपुर क़स्बे में दौरे पर थी. इस दौरान उन्हें वहां लोगों से  पेयजल संकट को लेकर शिकायत मिली तो उन्होंने फौरन अधिकारियों की क्लास लगा दी. इसके साथ ही वसुंधरा ने अधिकारियों को चेतावनी भी दे दी है. वसुंधरा राजे ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उनके सोने की वजह से लोग रो रहे हैं. जनता पेयजल संकट से त्रस्त है. पानी केवल कागजों पर नहीं बल्कि लोगों के होठों तक पहुंचनी चाहिए

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उन्होंने कहा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती ? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है. गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त हैं. अफ़सर तृप्त है. पानी कागजों में नहीं, लोगों के होंठों तक पहुँचे. अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगी.

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