
Rajasthan Politics: राजस्थान के अलवर में स्थित राम मंदिर में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के दर्शन के बाद पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर को गंगाजल से धो दिया था. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया. लेकिन विवाद यहीं नहीं थमा. राहुल गांधी ने इस घटना की निंदा की.
"संविधान से देश चलेगा"
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण! बीजेपी लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है. इसलिए संविधान का सिर्फ सम्मान नहीं, उसकी सुरक्षा भी जरूरी है. मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं, जो बहुजनों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती है."
बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2025
बीजेपी लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है।
इसलिए संविधान का सिर्फ सम्मान नहीं, उसकी सुरक्षा भी ज़रूरी है।
मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं जो बहुजनों को दूसरे दर्जे… https://t.co/ruEXJgPMcf
राजकुमार रोत ने भी निंंदा की
बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने भी इस घटना की निंदा करते हुए 'X' पर लिखा, "राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर दर्शन के बाद भाजपा नेता द्वारा जातिसूचक आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए मंदिर को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करने की हम कड़ी निंदा करते हैं. सवाल खड़ा होता है कि देश में इस तरह की मानसिकता को पोषण देने का काम कौन कर रहा है?"
जानें क्या है पूरा मामला
रामनवमी के अवसर पर 6 अप्रैल को अलवर की एक सोसाइटी में श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ था. इसमें राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल हुए थे और मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. अगले दिन ज्ञानदेव आहूजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को बुलाया गया जिन्होंने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारा है. उन्होंने यह भी कहा कि "मंदिर में अपवित्र लोग आ गए थे, इसलिए हमने गंगाजल से शुद्धिकरण किया. "
डोटासरा ने वीडियो शेयर किया था
इसके बाद राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर अलवर के श्रीराम मंदिर का एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर को 'पवित्र' करने के लिए गंगाजल छिड़का. इसके बाद बीजेपी ने ज्ञानदेव आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है. इसके चलते उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया.
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