Rajasthan: 'ऐसी कार्रवाई होगी, आपको अंदाजा भी नहीं होगा' मेहंदीपुर बालाजी में विधायक की अधिकारियों को फटकार

मेहंदीपुर बालाजी में धरने पर बैठे व्यापारी और ग्रामीणों का आरोप है कि वे पिछले 6 महीनों से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. प्रशासन के उच्चाधिकारी से भी मिले चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है.

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मेहंदीपुर बालाजी में 9 घंटे बाद धरना खत्म

Rajasthan News: दौसा के मेहंदीपुर बालाजी में अघोषित बिजली कटौती को लेकर व्यापारियों का धरना आखिरकार 9 घंटे बाद खत्म हो गया. विधायक के आश्वासन के बाद व्यापारी और ग्रामीण धरना खत्म करने पर राजी हुए. इस दौरान विधायक ने अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि एक महीने के अंदर अगर व्यापारियों की बिजली समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ऐसी कार्रवाई होगी, जिसका आपको अंदाजा भी नहीं होगा. विधायक की चेतावनी के बाद दौसा बिजली विभाग के एसई एमएल मीना ने व्यापारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि एक माह के भीतर बिजली समस्या का समाधान किया जाएगा.

'कर्मचारियों के नाम बताएं, तुरंत सस्पेंड होंगे'

एसई ने साथ ही 15 दिन में जीएसएस की सेंक्शन करवाने का भी वादा किया है. मेहंदीपुर बालाजी में व्यापारियों और ग्रामीणों के धरने में पहुंचे सिकराय विधायक की फटकार के बाद व्यापारियों द्वारा स्थानीय कर्मचारियों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर अधीक्षण अभियंता दौसा ने कहा कि व्यापारी भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों का नाम बताए, उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाएगा. 

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बाजार को बंद करने का किया था ऐलान

बता दें कि व्यापारियों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बाजार को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान किया था. इसके साथ ही बड़ी संख्या में व्यापारियों के साथ ग्रामीण भी धरने पर बैठ गए और मेहंदीपुर बालाजी जाने वाले रास्ते को भी जाम कर दिया गया है. उनका कहना है कि बालाजी धाम पर बाजार में गंदगी, लाइट की अव्यवस्थाएं और बिजली की समस्या है, जिस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

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व्यापारियों ने दो दिन पहले सिकराय एसडीएम और बिजली विभाग के अफसर को ज्ञापन सौंपकर बिजली सप्लाई की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

भ्रष्टाचार के आरोप पर सुनते रहे बिजली विभाग के अफसर

जब बाजार बंद और धरने के ऐलान पर सिकराय तहसीलदार और बिजली निगम के अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे तो बिजली विभाग अधिकारियों को व्यापारियों ने खूब खरी खोटी सुनाई. इस दौरान व्यापारी और ग्रामीण बिजली विभाग के कार्मिकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, लेकिन विद्युत निगम अफसर बैठे-बैठे सुनते रहे.

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