जनजाति जिले बांसवाड़ा की तस्वीर और तकदीर जल्द बदलने वाली है. जिले में 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से छोटी सरवन पंचायत समिति में स्थापित होने वाले 2800 मेगावाट के न्यूक्लियर परमाणु बिजलीघर का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा. जी हां, बांसवाड़ा न्यूक्लियर प्लांट से प्रतिदिन करीब 17 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और उसमे से राजस्थान के हिस्से में 20 फीसदी यूनिट बिजली आएगी. इससे प्रदेश में बिजली संकट काफी हद तक खत्म होने की संभावना है.
50 हजार करोड़ का निवेश, हजारों को मिलेगा रोजगार
बांसवाड़ा में बनने वाले माही बांसवाड़ा परमाणु बिजलीघर पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर और विकिरण की दृष्टि से देश का सबसे सुरक्षित प्लांट होगा और इसके निर्माण में करीब पांच से छः वर्ष का समय लगेगा. इसका निर्माण जनवरी 2024 में शुरू होना प्रस्तावित है. इसके बाद बाद बिजली बनना शुरू हो जाएगा, लेकिन शुरुआत में सिर्फ 700 मेगावाट का एक ही प्लांट शुरू होगा. इसके बाद एक-एक साल बाद दूसरे प्लांट शुरू होंगे.
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भारत सरकार द्वारा वित्तीय स्वीकृति है प्लांट
इस न्यूक्लियर प्लांट के लिए भारत सरकार द्वारा वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई है. न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड मुंबई के निदेशक परियोजना ने बताया कि माही नदी पर बनने वाला यह ऊर्जा संयंत्र प्रदेश का सबसे बड़ा एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट होगा। यहां उत्पादित होने वाली बिजली में से 20 फीसदी बिजली राजस्थान को मिलेगी और शेष अन्य राज्यों को सप्लाई की जाएगी.
परियोजना की लागत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए
माही ऊर्जा संयंत्र भारी पानी पर आधारित परमाणु रिएक्टर है और साथ ही यह पूर्णत स्वदेशी तकनीक पर आधारित परियोजना हैं. इसके पहले चरण में दो परमाणु रिएक्टर लगेंगे. माही बांसवाड़ा परमाणु बिजली घर के मुख्य अभियंता एस के वर्मा ने बताया कि पूरे परियोजना की लागत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए है.
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623 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका
परियोजना के लिए 6 गांव कटुंबी, रेल, बारी, आड़ीभीत सजवानिया और खंडियादेव कि 623 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई है. इसके लिए मुआवजे के तौर पर 415 करोड रुपए 1791 परिवारों को वितरित किया जा चुका है.
जनवरी 2024 में पहला रिएक्टर प्रारंभ होने की संभावना
एनपीसीएल न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा जनवरी 2024 में पहला रिएक्टर बनाना प्रारंभ होने की संभावना है. इस परियोजना से करीब 5 से 7 लोगों को प्रत्यक्ष और इतने ही लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है.
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