
राजस्थान में बिजली संकट लगातार बना हुआ है और लगातार हो रही बिजली की कटौती से लोग परेशान और हलकान हैं. यही कारण है कि बिजली संकट को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई. प्रदेश बीजेपी बिजली संकट को लेकर राजधानी समेत सभी जिला मुख्यालयों पर आज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी और सरकार को घेरने का प्रयास करेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में मौजूदा बिजली संकट का प्रमुख कारण कोयले की कमी और बिजली घर यूनिट्स के रखरखाव है, जिसके चलते 7 बिजली घर पहले ही बंद हो चुके हैं. इनमें कोटा, सूरतगढ़, छाबरा और कालीसिंध समेत अन्य बिजली घर यूनिट्स शामिल हैं. इसके अलावा मौजूदा बिजली संकट के लिए कोयले की खरीद भी एक बड़ा मुद्दा है.
गौरतलब है प्रदेश में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच सामंजस्य नहीं होने के चलते बिजली का संकट भयावह बन गई है. रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश में पीक हॉर्स में बिजली की कुल डिमांग लगभग 16500 मेगावाट है, लेकिन उपलब्धता महज 13000 से 14000 मेगावाट की है, जिसके चलते बार-बार बिजली कटौती की जा रही है, जिससे आमजन त्रस्त है. यही कारण है प्रदेश में बिजली संकट राजनीतिक मुद्दा बन चुका है और बीजेपी सरकार के खिलाफ राजधानी जयपुर प्रदर्शन करेगी और सत्तासीन कांग्रेस सरकार को प्रदेश में बिजली संकट के खिलाफ घेरगी.
प्रदेश में बिजली संकट के निदान को लेकर प्रदेश सरकार हलकान है। प्रदेश में बिजली संकट बढ़ाने में अगस्त महीने में हुई कम बारिश ने भी बड़ा योगदान दिया है. मानसून में देरी के चलते अगस्त महीने कम बारिश हुई, जिसके चलते प्रदेश में बिजली की मांग में इजाफा हुआ है, जिससे प्रदेश में बिजली का संकट गहराता जा रहा है.