राजस्थान रोडवेज को हर रोज हो रहा करीब 90 करोड़ का नुकसान, कर्मचारियों को सताने लगा यह डर

रोडवेज प्रशासन को प्रतिदिन करीब 90 करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान देकर रोडवेज निगम को चलाया जा रहा है. जिससे सरकार को भी आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan Roadways in loss News: प्रदेश की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली राजस्थान रोडवेज के हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे. इसकी तरफ ना तो सरकार ध्यान दे रही है और ना ही रोडवेज अधिकारियों का ध्यान जा रहा है. ऐसा लग रहा है मानो भगवान भरोसे राजस्थान रोडवेज निगम चलाया जा रहा हो. अब तो रोडवेज कर्मचारी भी परेशान नजर आ रहे हैं और उन्हें यह डर भी सताने लगा है की कही सरकार रोडवेज निगम को बंद ना कर दे.

रोडवेज को हो रहे करोड़ों के नुकसान

वर्तमान में राजस्थान रोडवेज 3659 बेसन का संचालन कर रहा है. इससे करीब 150  करोड़ रुपये का प्रतिदिन राजस्व अर्जित किया जा रहा है. ऐसे में घटती हुई बसों के चलते रोडवेज प्रशासन को राजस्व में भी नुकसान हो रहा है. उसका बड़ा कारण यह है कि प्रतिदिन अर्जित होने वाला राजस्व डेढ़ सौ करोड़ है तो वहीं रोडवेज के खर्च 240 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो रहे हैं.

ऐसे में रोडवेज प्रशासन को प्रतिदिन करीब 90 करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान देकर रोडवेज निगम को चलाया जा रहा है. जिससे सरकार को भी आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है.

दिन-प्रतिदिन बसों की घटती हुई संख्या के चलते रोडवेज को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश में निजी बस संचालन करने वाले ऑपरेटर मुनाफा कमा रहे हैं.

परिवहन मंत्री ने नए बसों को लाने की बात कही

डिप्टी सीएम व परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा का कहना है कि बसों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास जारी है. आम जनता को राहत देने के लिए विभाग अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है और जल्द ही 510 नई बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल किया जाएगा.

Advertisement

क्या इस घाटे से उभर सकता है रोडवेज?

रोडवेज अधिकारी रवि सोनी ने बताया कि यदि राज्य सरकार बसों की संख्या में बढ़ोतरी करती है, तब रोडवेज निगम भी घाटे से उभर कर सरकार को राजस्व दे सकता है. जिस तरह दूसरे राज्यों में बसों की संख्या 8 से 10 हजार तक है, वैसे ही राजस्थान रोडवेज को भी नई बसों की आवश्यकता है. यदि सरकार सहयोग करें तो रोडवेज भी घाटे से उभर सकता है. फिलहाल विभाग में 510 नई बसें शामिल होने जा रही है. लेकिन दूसरे राज्यों की तुलना में यह संख्या बेहद कम है.

ये भी पढ़ें- राजस्थान में 2000 से अधिक अंग्रेजी मीडियम सरकारी स्कूलों को हिंदी में कन्वर्ट करने की तैयारी