Rajasthan: सवाई माधोपुर के रणथंभौर अभयारण्य में एक और बाघ की मौत हो गई है. टी-2309 नाम का यह युवा बाघ करीब साढ़े तीन साल का था. बाघ का शव मिलने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई. उन्होंने घटनास्थल का मुआयना किया और बाघ के शव को राजबाग नाका चौकी ले गए. वहां एक मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में बाघ का पोस्टमॉर्टम किया गया. इसके बाद बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. टी-2309 की मौत से रणथंभौर के वन्य जीव प्रेमियोंं में शोक और चिंता फैल गई है. रणथंभौर में पिछले महीने भी एक बाघ (टी-86) के मौत की खबर आई थी.
वन अधिकारियों के अनुसार टी-2309 अभयारण्य की ही एक बाघिन नूरी का शावक था. वह रणथंभौर के आमा घाटी वन क्षेत्र में विचरण करता था. वन अधिकारियों को गश्त के दौरान उसका शव मिला जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी. इसके बाद डीएफओ रामानंद भाकर और अन्य वन अधिकारी मौके पर पहुंच गए.
रणथंभौर के मुख्य वन संरक्षक अनूप के आर ने बताया कि पोस्टमॉर्टम से ऐसा प्रतीत होता है कि बाघ की मौत एक दूसरे बाघ के साथ आपसी संघर्ष में हुई. उसी क्षेत्र में गणेश नाम का एक अन्य बाघ रहता है जिसका नंबर टी 120 है. संभवतः इसी बाघ के साथ अपने इलाके पर कब्जा बनाने के लिए हुई टेरिटोरियल संघर्ष हुआ जिसमें बाघ की मौत हो गई.
नवंबर में टाइगर T-86 की मिली थी लाश
नवंबर में रणथंभौर में एक बाघ ने एक युवक पर हमला किया था. इसके अगले ही दिन टी-86 नाम के इस बाघ की लाश मिली थी. वीडियो सामने आने पर मामला पता चला. वीडियो में टाइगर के शरीर पर चोट के निशान थे. बाघ की लाश के चारों को बड़े-बड़े पत्थर मिले थे. उसके मुंह पर चोट के निशान थे. वन विभाग के मुताबिक, बाघ (T-86) चिरिवा बाघिन लाडली टी-8 और बाघ-34 का बेटा था. टी-86 की उम्र लगभग 14 साल थी. टेरेटरी फाइट के चलते टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी.
बाघ T-86 की मौत इंसानी संघर्ष से होने की जताई थी आशंका
नवंबर में भी रणथंभौर में टी-86 नाम के एक बाघ की मौत हो गई थी जिसकी काफी चर्चा हुई थी. उस बाघ के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद जब मीडिया ने पशु चिकित्सकों से बात करने की कोशिश की थी तो मेडिकल बोर्ड में शामिल कोई भी पशु चिकित्सक मीडिया को बाघ की मौत के कारण बताने को तैयार नहीं हुए. सिर्फ इतना कहकर सभी चिकित्सक निकल गए कि बाघ की मौत को लेकर जो भी जानकारी है वो वन अधिकारी ही देंगे.
पशु चिकित्सकों के जाने के बाद मीडिया ने जब रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप के आर से बाघ की मौत की वजह के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि बाघ की मौत संभवतः इंसानी संघर्ष से ही हुई है.