Rajasthan: सवाई माधोपुर के रणथंभौर अभयारण्य में एक और बाघ की मौत हो गई है. बाघ टी-2309 की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई. इस बाघ की उम्र लगभग तीन साल है. टी-2309 अभयारण्य की एक बाघिन नूरी का शावक था. बाघ के शव को नाका राजबाग लाया जा रहा है. सोमवार को दोपहर बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. हालांकि, इस बाघ की मौत किस कारण से हुई इसका पता नहीं चल पाया है. लेकिन बाघ की लाश को देखते हुए ऐसा संदेह जताया जा रहा है कि शायद उसकी मौत किसी जानवर के हमले से हुई है. सही कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा. इससे पहले पिछले महीने नवंबर में भी रणथंभौर में एक बाघ (टी-86) की मौत हो गई थी.
नवंबर में टाइगर T-86 की मिली थी लाश
नवंबर में रणथंभौर में एक बाघ ने एक युवक पर हमला किया था. इसके अगले ही दिन टी-86 नाम के इस बाघ की लाश मिली थी. वीडियो सामने आने पर मामला पता चला. वीडियो में टाइगर के शरीर पर चोट के निशान थे. बाघ की लाश के चारों को बड़े-बड़े पत्थर मिले थे. उसके मुंह पर चोट के निशान थे. वन विभाग के मुताबिक, बाघ (T-86) चिरिवा बाघिन लाडली टी-8 और बाघ-34 का बेटा था. टी-86 की उम्र लगभग 14 साल थी. टेरेटरी फाइट के चलते टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी.
बाघ T-86 की मौत इंसानी संघर्ष से होने की जताई थी आशंका
बाघ टी-86 के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद जब मीडिया ने पशु चिकित्सकों से बात करने की कोशिश की थी तो मेडिकल बोर्ड में शामिल कोई भी पशु चिकित्सक मीडिया को बाघ की मौत के कारण बताने को तैयार नहीं हुए. सिर्फ इतना कहकर सभी चिकित्सक निकल गए कि बाघ की मौत को लेकर जो भी जानकारी है वो वन अधिकारी ही देंगे.
पशु चिकित्सकों के जाने के बाद मीडिया ने जब रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप के आर से बाघ की मौत की वजह के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि बाघ की मौत संभवतः इंसानी संघर्ष से ही हुई है.