
Rain in dausa: दौसा जिले में बारिश से बुरे हाल है. कई जगह जलभराव के चलते ग्रामीण अंचल डूब गए हैं. सिकराय में मोटा वाली ढाणी गांव में भी कुछ ऐसा ही हाल है, जहां मूलभूत सुविधाओं के अभाव में रहे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त है. एनडीटीवी ने जब यहां के हालात जाने तो सामने आया कि गांव के आम रास्ते में करीब 3 से 5 फुट से अधिक पानी भरा हुआ है. 27 जुलाई को ग्राम पंचायत राणौली के पहाड़ी क्षेत्र के मोरोली गांव में मोटा वाली और दाताजका ढाणी में इलाज के अभाव के चलते एक महिला की मौत हो गई थी.
एंबुलेंस भी गांव में आने से करती है इनकार
दरअसल, हाल ही में दाताजका ढाणी की निवासी सुमित्रा गुर्जर को अलसुबह करीब 3 बजे दिल का दौरा पड़ा, लेकिन जब एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया तो एंबुलेंस ने पानी भरा होने के चलते आने से इनकार कर दिया.
इसके बाद बड़ी मशक्कत से परिजन चारपाई पर महिला को लेकर पैदल ही चल पड़े. सुबह 6 बजे खवारावजी के पास पहुंचे, तब ही सुमित्रा ने दम तोड दिया. सरकारी सिस्टम की भेंट चढ़ी महिला के 4 लड़की और 1 लड़का अब अनाथ हो चुके हैं. उसके पति का 2 साल पहले ही कैंसर के चलते निधन हो गया था.
RTI के जवाब में सरकार ने कही थी सड़क निर्माण की बात
अब भले ही सरकार लाख दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत और कुछ है. सिकराय विधानसभा के इस मोरोली गांव में सरकारी योजना और सड़क निर्माण को लेकर आरटीआई के जरिए सवाल पूछा गया. जवाब में सरकार ने सड़क निर्माण कार्य का हवाला दिया, लेकिन सड़क धरातल पर उतरी ही नहीं.
इस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी भी नहीं है, जिससे लोगों का संपर्क काफी प्रभावित होता है. इस मोरोली गांव में करीब 45 घरों में 400 लोग हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पंच, सरपंच, विधायक और सांसद समेत तमाम जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त ही नजर आते हैं.
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