
Abhaydas Maharaj Rajasthan: राजस्थान के जालोर जिले में कथावाचक अभयदास महाराज की कथा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इसमें एक नया मोड़ आ गया है, जिसने सभी को चौंका दिया है. शिवसेना प्रमुख रूपराज राजपुरोहित ने महाराज के चातुर्मास और कथा आयोजन के लिए प्रशासन से अपने निजी भूखंड पर अनुमति ली थी, जिसे स्वीकृत भी कर दिया गया था, लेकिन अब इस पर कथावाचक अभय महाराज का रुख चौंकाने वाला नजर आया.
पुराने स्थान पर ही कथा करने पड़ अड़े अभयदास महाराज
दरअसल, रूपराज राजपुरोहित ने अभयदास महाराज से चर्चा के बाद ही जालोर-लेटा रोड स्थित रघुआ नगर में अपने निजी भूखंड पर चातुर्मास और कथा आयोजन के लिए आवेदन किया था. राजपुरोहित का कहना है कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद महाराज ने अचानक अपना फैसला बदल दिया. महाराज ने साफ कर दिया है कि वे उसी स्थान पर कथा करेंगे जहां उन्होंने पहले चातुर्मास किया था और जहां से प्रशासन ने उन्हें हटाया था.
रूपराज राजपुरोहित ने अभयदास महाराज पर उठाएं सवाल
महाराज के इस रुख के बाद रूपराज राजपुरोहित ने प्रशासन को लिखित में अपनी अनुमति वापस ले ली है. उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर महाराज वास्तव में शांतिपूर्ण ढंग से कथा और चातुर्मास करना चाहते हैं, तो वे प्रशासन द्वारा स्वीकृत स्थान पर ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?
विवाद और गहराता दिखा
गौरतलब है कि दो दिन पहले किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर ईश्वरी नंद गिरी ने भी जालोर आकर अभयदास महाराज को लचीलापन दिखाने और आवश्यकता पड़ने पर स्थान बदलने पर विचार करने की सलाह दी थी. उनका कहना था कि "भक्ति-भावना का कार्य कहीं भी किया जा सकता है." हालांकि, महाराज ने उनकी सलाह को भी अनसुना करते हुए दोबारा घोषणा कर दी है कि वे कथा भगत सिंह स्टेडियम के पास ही करेंगे, जिससे विवाद और गहराता दिख रहा है.
यह भी पढ़ें: Rajasthan: अभयदास महाराज विवाद पर भाजपा सख्त, संतों की विशेष समिति करेगी मामले की जांच