Rajasthan News: राजस्थान में जर्जर स्कूल भवनों को लेकर उठे गंभीर सवालों और झालावाड़ हादसे के बाद अब भजनलाल सरकार ने स्कूलों में मेजर रिपेयरिंग और नए निर्माण के लिए ₹1624.29 करोड़ का विशाल एक्शन प्लान तैयार किया है. हालांकि, सरकार के इस रोडमैप को हाईकोर्ट ने 'कागजी' बताया है. वहीं, एक कैबिनेट मंत्री ने स्वयं निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है.
₹1600 करोड़ से क्या-क्या होगा?
राजस्थान सरकार ने जर्जर भवनों की मरम्मत और अन्य मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए हाईकोर्ट में जो विस्तृत मसौदा पेश किया है, उसमें निम्नलिखित प्रमुख कार्य शामिल हैं:
| कार्य का विवरण | निर्धारित बजट | स्कूलों की संख्या | डेडलाइन |
| मेजर रिपेयरिंग (जर्जर भवन) | ₹174.98 करोड़ | 2,000 | मार्च 2026 |
| सामान्य मरम्मत (राज्य आपदा कोष) | ₹350 करोड़ | 17,635 (प्रति स्कूल ₹2 लाख) | दिसंबर 2025 |
| नए स्कूल भवनों का निर्माण | ₹98.91 करोड़ | 104 | नवंबर 2026 |
| विषय प्रयोगशालाएं (Labs) निर्माण | ₹507.60 करोड़ | 2,256 (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) | अक्टूबर 2026 |
| कस्तूरबा गांधी विद्यालय (डाइनिंग हॉल) | ₹57.51 करोड़ | 229 | अप्रैल 2026 |
| शौचालयों का निर्माण | ₹82.38 करोड़ | 2,746 | मार्च 2026 |
| कुल बजट (मुख्य कार्य) | लगभग ₹1371 करोड़ |
इसके अलावा संस्कृत विभाग के विद्यालय, हॉस्टल और डाइट ऑफिसों के निर्माण कार्य भी इस मसौदे में शामिल हैं.
प्लान नहीं, धरातल पर काम चाहिए: HC
सरकार के इस विस्तृत रोडमैप के बावजूद, राजस्थान हाईकोर्ट पिछली सुनवाई में नाराज दिखा. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें यह प्लान सिर्फ कागज पर नहीं, बल्कि धरातल पर चाहिए. न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए स्कूलों में कराए जा रहे मरम्मत कार्यों के निरीक्षण के लिए एक स्वतंत्र बॉडी से करवाने की मंशा जताई. इसके लिए अदालत ने न्यायमित्र सहित सभी पक्षों से निरीक्षण के लिए नाम सुझाने को कहा है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.
मंत्री ने की 'समसा' को भंग करने की मांग
एक ओर जहां सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री हीरालाल नागर ने खुद कई भवनों का निरीक्षण किया और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए. मंत्री नागर ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में हुए सभी स्कूल निर्माण कार्यों की स्वतंत्र जांच कराई जानी चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने इस पूरे निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे समग्र शिक्षा अभियान (समसा) की सिविल विंग के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे भंग करने की मांग की है.
दोषी पर सख्त कार्रवाई होगी: शिक्षा मंत्री
पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार पुराने और नए दोनों तरह के भवनों का निर्माण करवा रही है. उन्होंने मार्च 2026 तक मरम्मत का काम पूरा करने का आश्वासन दिया. मंत्री नागर द्वारा उठाए गए सवालों पर मदन दिलावर ने कहा, 'मैं हीरालाल नागर को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों की यह जिम्मेदारी होती है कि जहां उन्हें कमियां नजर आएं, उन्हें उजागर करें. उन्होंने जो बिंदु उठाए हैं, उसकी हम जांच करवा रहे हैं. जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
'विभाग के पास इंजीनियर्स की कमी है'
उन्होंने यह स्वीकार किया कि निर्माण कार्य हल्की क्वालिटी का हुआ होगा और विभाग के पास इंजीनियर्स की कमी है. उन्होंने कहा कि विभाग डेपुटेशन पर PWD (लोक निर्माण विभाग) से इंजीनियर्स लेकर और विभाग के भीतर मौजूद इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हुए कर्मचारियों के निरीक्षण में काम कराएगा, ताकि गुणवत्ता से समझौता न हो.
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