अब झुंझुनूं में भी भाजपा में बगावत, वरिष्ठ नेता राजेंद्र भांबू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

राजस्थान में प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से भाजपा में घमासान मचा है. जगह-जगह से पूर्व प्रत्याशी टिकट के लिए विरोध जता रहे हैं. इस बीच बड़ी खबर झुंझुनूं से सामने आई है जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र भांबू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.

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झुंझुनूं में जनसंवाद के बाद राजेंद्र भांबू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान.

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में मचा घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है. पार्टी द्वारा घोषित की गई 41 प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद करीब एक दर्जन सीटों पर विरोध देखने को मिल रहा है. लगातार एक के बाद एक बागी उम्मीदवार मैदान में आ रहे हैं. ताजा खबर झुंझुनूं से है. जहां पर झुंझुनूं विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रहे और वर्तमान में भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र भांबू  (Rajendra Bhambu) ने निर्दलीय रूप में चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय ले लिया है. जिसके बाद झुंझुनूं विधानसभा के समीकरण बदल गए है. इस बगावत का फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को मिलने वाला है.

भांबू के जनसंवाद में जुटे 5 हजार से अधिक लोग

झुंझुनूं विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रहे और भाजपा ​के जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र भांबू को टिकट ना मिलने के कारण उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों में खासी नाराजगी है. गुरुवार को झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर भांबू व उनके समर्थकों की ओर से जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें करीब पांच हजार से अधिक लोग पहुंचे.

मंच पर भाजपा और आरएसएस के लोग भी दिखे

मंच पर टिकट के एक अन्य दावेदार राजीव चौधरी गुड्डू के अलावा भाजपा व आरएसएस से जुड़े लोग भी दिखे. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से भांबू ने पांच साल तक झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा की है और पार्टी को मजबूत करने का काम किया है. उस लिहाज से उन्हें टिकट मिलना चाहिए था.

झुंझुनूं की शान के लिए भांबू मैदान में होंगे
मंच से वक्ताओं ने कहा कि लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला है. ऐसे में अब झुंझुनूं की आन, बान और शान के लिए उन्हें चुनाव मैदान में आना चाहिए. जिसे भांबू ने स्वीकार किया. इस मौके पर भांबू ने कहा कि एक छोटे से निवेदन पर हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों में ना केवल टिकट के गलत वितरण को लेकर आक्रोश था.

बल्कि उनके प्रति स्नेह और प्यार भी था. सभी की भावनाओं को देखते हुए उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने इस मौके पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की लाइन को दोहराते हुए कहा कि जब संगठन कोई गलत फैसला कर लेता है तो कार्यकर्ताओं का फर्ज बनता है कि उसे सही करें. इसी सिद्धांत के तहत उन्होंने फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि एक-दो लोग उनसे कुंठित थे. जो यह मन में घर बना बैठे कि यदि भांबू रहा तो उनकी महत्वाकांक्षा में बाधा बनेगा. इसलिए मेरी टिकट षड़यंत्र से कटवाई गई.

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भाजपा प्रत्याशी निषित चौधरी बबलू ने कहा- मैदान खुला है

इधर, राजेंद्र भांबू की दावेदारी पर भाजपा प्रत्याशी निषित चौधरी बबलू ने कहा कि यदि राजेंद्र भांबू बगावत की बात करते है तो मैदान सामने है. जो भी बात होगी सामने आ जाएगी. लेकिन ऐसी बात है नहीं. उन्होंने कहा कि हर सीट पर भाजपा की टिकट चाहने वाले 5 से 10 दावेदार थे. सभी को टिकट नहीं मिल सकती. नाराजगी व्यक्त करने और समर्थकों से राय लेना, सभी का अधिकार है.

भाजपा द्वारा घोषित उम्मीदवार निषित चौधरी बबलू ने कहा कि अभी तो नामांकन दाखिल करना, वापिस लेना आदि में समय है. पार्टी सबकुछ मैनेज कर लेगी. झुंझुनूं ही नहीं, अन्य जगहों पर भी नाराजगी की खबरें आई. लेकिन पार्टी ने सभी जगह मैनेज कर लिया है. भाजपा संगठित है और उसका एक-एक सिपाही अनुशासन में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदचिह्नों पर चल रहा है उनके सपनों को साकार करने में लगा हुआ है.

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जिलाध्यक्ष बोले- बगावत जैसी कोई बात नहीं

झुंझुनूं विधानसभा में चल रहे बगावत के खेल पर भाजपा संगठन भी नजर बनाए है. भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया ने कहा कि जब टिकट वितरण होता है तो कुछ कार्यकर्ताओं को तकलीफ होती है. यह स्वाभाविक प्रक्रिया है. लेकिन विरोध जैसी कोई बात नहीं है. जो भी थोड़ी बहुत खबरें आ रही है. उसे ठीक कर लिया जाएगा.

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झूंझुनूं की 7 में से 4 सीटों पर प्रत्याशी घोषित, दो पर विरोध

मालूम हो कि झुंझुनूं जिले की सात विधानसभा सीटों में से अभी तक चार सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित किए है. जिनमें नवलगढ और उदयपुरवाटी में तो शांति है. परंतु झुंझुनूं में विरोध खुलकर सामने आ रहा है. मंडावा में सांसद नरेंद्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा गया है. जहां पर भी दो टिकट दावेदार तो नरेंद्र कुमार के साथ खुलकर सामने आए हैं. 

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