SI भर्ती 2021 पर भजनलाल सरकार का बड़ा कदम, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई अपील

हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 28 अगस्त को एसआई भर्ती को रद्द करने का फैसला लिया था. नियमों के मुताबिक, किसी भी फैसले के खिलाफ 60 दिन के भीतर खंडपीठ में अपील की जा सकती है.

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SI भर्ती रद्द करने के मूड में नहीं भजनलाल सरकार

Rajasthan SI Bharti 2021: राजस्थान की भजनलाल सरकार सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 (SI Bharti 2021) को रद्द करने के मूड में नहीं है. सरकार ने SI भर्ती रद्द करने के फैसले के खिलाफ 2 महीने बाद अपील लगाई और बताया कि पूरे राज्य में लीक पेपर नहीं पहुंचा था. सरकार की ओर से पेश अपील में कहा गया कि कुछ लोगों की गलती की वजह से एसआई भर्ती 2021 को रद्द नहीं किया जाना चाहिए. भर्ती प्रक्रिया रद्द होने से इसका असर ईमानदार अभ्यर्थियों के जीवन पर पड़ेगा.

'भर्ती रद्द हुई ईमानदारों पर असर पड़ेगा'

SI भर्ती पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील पेश करते हुए सरकार ने कहा कि भर्ती में कुछ ही अभ्यर्थियों के पास सेंटर से लीक (SI Paper Leak) हुआ पेपर पहुंचा था. वहीं, जो पेपर आरपीएससी (RPSC) से लीक हुआ था. वह केवल आरपीएससी सदस्यों के बच्चे और दलालों तक ही गया था.

अगर भर्ती रद्द हुई तो ईमानदार अभ्यर्थियों के जीवन पर असर पड़ेगा. जांच एजेंसियां लगातार जांच कर रही है. यदि भर्ती में सही और गलत की छटनी किया जाना संभव है तो पूरी भर्ती रद्द नहीं की जानी चाहिए.

दरअसल, हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 28 अगस्त को एसआई भर्ती को रद्द करने का फैसला लिया था. नियमों के मुताबिक, किसी भी फैसले के खिलाफ 60 दिन के भीतर खंडपीठ में अपील की जा सकती है. अब सरकार ने 60 दिन बीत जाने के बाद अपील पेश की है. इसलिए अपील के साथ एक देरी माफी का प्रार्थना पत्र भी लगाया है. 

24 नवंबर को चयनित अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई

बता दें कि इस मामले में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर पहले ही सुनवाई हो रही है. यदि हाईकोर्ट इस अपील को स्वीकार करता है तो इस अपील की भी उसी याचिका के साथ सुनवाई हो सकती है. मामले में चयनित अभ्यर्थियों की अपील पर सुनवाई 24 नवम्बर को होनी है. 

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एकलपीठ के 28 अगस्त को SI भर्ती रद्द करने के फैसले के खिलाफ चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की थी. डिवीजन बेंच ने 8 सितंबर को सुनवाई करते हुए एकलपीठ के 28 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद डिविजन बेंच के फैसले के खिलाफ अन्य अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर यथास्थिति के आदेश दिए थे. वहीं, डिवीजन बेंच को तीन माह में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए थे.

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