SI Paper Leak Case: आरोपियों को जमानत मिलेगी या नहीं? वकीलों की दलील में कितना दम? कहानी कोर्ट रूम की

SI Paper Leak Case: एसआई पेपर लीक केस के 20 आरोपियों की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में करीब 3 घंटे तक सुनवाई चली. सबसे अधिक बात आरोपियों से बरामद डायरी, एडमिट कार्ड, पर्ची पर हुई. दोनों तरह के वकीलों के कई दलीलें दी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (AI).

SI Paper Leak Case: राजस्थान पुलिस की एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक का मामला पिछले कई महीनों से सुर्खियों में है. अब भर्ती रद्द करने, न करने को लेकर चर्चाएं तेज है. इस बीच 20 आरोपियों की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. कल हाईकोर्ट में न्यायाधीश गणेश राम मीणा की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. SOG की तरफ से वकील अनुराग शर्मा ने पैरवी की. वहीं आरोपियों की तरफ से सीनियर एडवोकेट विवेक राज बाजवा, सीनियर एडवोकेट माधव मित्र, एडवोकेट एस एस होरा, दीपक चौहान सहित अन्य वकीलों ने पैरवी की.

सुनवाई आखिरी दौर में, फैसला होगा महत्वपूर्ण

अब सुनवाई आखिरी दौर में है. यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस मामले में अब तक किसी आरोपी पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है. अगर हाईकोर्ट जमानत देता है तो इससे जांच एजेंसी को झटका लगेगा. साथ ही भर्ती रद्द करने की मांग भी कमजोर होगी.
 

कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद सरकार भर्ती रद्द करने, न करने पर फैसला कर सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जानकर मान रहे हैं कि हाईकोर्ट का फैसला आगे की राह निर्धारित करने में मददगार साबित होगा. 

हाईकोर्ट में क्या-क्या हुआ?

कल हाईकोर्ट में इस मामले में करीब 3 घंटे तक सुनवाई चली. सबसे अधिक बात आरोपियों से बरामद डायरी, एडमिट कार्ड, पर्ची पर हुई. दरअसल, SOG ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि कई आरोपियों से जो डायरी, एडमिट कार्ड या कोई अन्य पर्ची बरामद हुई है, उस पर उन्होंने रुपयों के लेनदेन का विवरण लिखा हुआ है. 

एक आरोपी राजेश्वरी से एक कागज मिला जिस पर उसने लिखा था, "जगदीश जानी को देने हैं 10 लाख, सुनील बेनीवाल को देने हैं 3 लाख, पेपर पढ़ाने वाले जगदीश ज्यानी के आदमी को देने हैं 2 लाख."

आरोपी के फटे एडमिट कार्ड भी बहस

एक अन्य आरोपी प्रेमसुखी के घर की तलाशी में SOG को एक फटा हुआ एडमिट कार्ड मिला. SOG की चार्जशीट के मुताबिक इस पर भी लेनदेन का जिक्र था.  "जगदीश गुरु के आदमी को दो लाख रुपए परीक्षा से पहले व पांच लाख परीक्षा के बाद दिए." यह प्रेमसुखी ने एडमिट कार्ड पर लिखा था. अन्य आरोपियों ने भी अपनी डायरी, किसी कागज या एडमिट कार्ड पर ऐसी चीजें लिख रखी थीं. कोर्ट में इस पर खूब बहस हुई.

कहा गया- जो डेढ़ घंटे में प्रश्न पत्र याद कर सकता है, वह पैसे का लेनदेन लिख कर क्यों रखेगा?

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'हिसाब कागज पर लिखकर क्यों रखेगा कोई'

आरोपियों के वकील ने कहा कि आखिर कोई भी इस तरह से कागज पर लिख कर क्यों रखेगा? SOG की मुताबिक ज्यादातर आरोपी परीक्षा से डेढ़ दो घंटे पहले 100-200 प्रश्न पढ़ता है और याद रख सकता है तो वह रुपयों का लेनदेन भी याद रख सकता है. वह अपने खिलाफ सबूत क्यों छोड़ेगा? इस पर कोर्ट ने कहा कि हो सकता है कि तब उन्हें अंदाजा न हो कि जांच इतनी आगे जा सकती है. 

हालांकि कोर्ट ने SOG से पूछा कि क्या सभी हैंडराइटिंग सैंपल की रिपोर्ट प्रॉसिक्यूशन के पक्ष में है, इस पर SOG के वकील अनुराग शर्मा ने कहा, हां.

लेन-देन वाले पन्ने के आगे-पीछे कुछ नहीं लिखा है

आरोपी के वकील वेदांत शर्मा ने कहा कि उन्होंने जो डायरी बरामद की है उसके बीच में एक पन्ने पर रुपयों के लेनदेन का हिसाब है. न तो शुरू में कुछ लिखा गया है, न ही बाद में. क्या यह संभव है कि किसी ने सिर्फ एक लेनदेन की जानकारी लिखने के लिए डायरी खरीदी हो. साथ ही यह कैसे हो सकता है कि सभी आरोपियों ने लेनदेन का विवरण लिख कर रखा हो. 

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FSL की रिपोर्ट में लिखावट आरोपियों के मिलेः एसओजी

हालांकि SOG के वकील ने कहा कि एफएसएल की रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि यह सभी हैंडराइटिंग आरोपियों की ही है. अपनी जगह पर डमी कैंडिडेट बिठाने वाली इंदुबाला और भगवती के मामले में बहस के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस एडमिट कार्ड की तस्वीर को इस तरह एडिट किया गया है कि अंदाजा लगाना मुश्किल है कि तस्वीर किसकी है. 

अब जमानत क्यों न दी जाए

आरोपियों के वकील ने पुराने फैसलों का जिक्र करते हुए कहा गया कि जांच एजेंसी को यह बताना चाहिए कि ऐसी क्या जरूरत है कि आरोपी को जमानत न दी जाए. क्योंकि आरोपी के पास से एडमिट कार्ड पर रुपयों के लेनदेन का ब्योरा मिला है. उनसे जो भी बरामद करना था, एजेंसी ने कर लिया है. अब वे सबूत को कैसे टेंपर कर सकते हैं? 

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पति के पास पेपर था तो पत्नी कैसे फेल हुई?

एक आरोपी प्रवीण पर क्वेश्चन सॉल्व करने का आरोप था. प्रवीण की वकील कनिका बर्मन ने कहा कि प्रवीण की पत्नी रेनू गोदारा ने भी पेपर दिया था. वह फेल हो गई. अगर प्रवीण के पास पेपर आता तो उसकी पत्नी कैसे फेल होती? इस पर SOG के वकील ने बताया कि प्रवीण और उसकी पत्नी के संबंध अच्छे नहीं थे. इसलिए उसने अपनी पत्नी को पेपर नहीं दिया. 

किसान 30 लाख का लोन क्यों लेगा? 

आरोपी नीरज के मामले पर जब सुनवाई चल रही थी तो SOG के वकील ने कहा कि नीरज के पिता ने कुछ दिन पहले ही किसान क्रेडिट कार्ड से 30 लाख रुपए का लोन लिया था. आखिर किसान तीस लाख का लोन क्यों लेगा? इस पर कोर्ट ने कहा कि ले सकता है. कई काम हो सकते हैं.

अब आगे क्या?

इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों को सोमवार तक एक एक पन्ने में फाइनल सबमिशन लिखित में देने को कहा है. SOG भी इस मामले में सोमवार को फाइनल फ्रेश रिपोर्ट कोर्ट में सौंपेगी. इसके बाद कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा.

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