राजस्थान में फिर हो सकता है SOG का बड़ा एक्शन, 6 से ज्यादा ट्रेनी SI पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण के भाई गोपाल सारण ने पूछताछ के दौरान एसओजी को 6 से अधिक नाम बताए हैं. उसका कहना है कि इसमें से कई राजस्थान पुलिस अकादमी में सब इन्स्पेक्टर की ट्रेनिंग ले रहे हैं.

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SOG टीम की तस्वीर.
NDTV Reporter

Rajasthan News: पेपर लीक मामलों की जांच कर रही SOG जल्द ही राजस्थान में कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है. बताया जा रहा है कि इस वक्त 6 से ज्यादा ट्रेनी सब इंस्पेक्टर एसओजी की रडार पर हैं. किसी भी वक्त उन पर एक्शन लिया जा सकता है. इनके बारे में SOG को जानकारी गोपाल सारण ने दी है. 

RPA से हो होंगी अगली सभी गिरफ्तारियां?

एसओजी ने गोपाल सारण को बीते शनिवार पुणे से गिरफ्तार किया था. रविवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसकी 5 दिन की रिमांड मंजूर हो गई. गोपाल ने पूछताछ में कबूला है कि उसने 6 से ज्यादा लोगों को एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर पढ़ावाया था. इनमें से कई अभी राजस्थान पुलिस अकदामी में ट्रेनिंग ले रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, गोपाल ने एसओजी को उनके बारे में पूरी जानकारी दी है, जिसमें उनके नाम के साथ अन्य जानकारी भी शामिल है. इस बयान के आधार पर अब पुलिस जांच पूरी करके एक्शन लेने की तैयारी कर रही है.

आरोपी गोपाल सारण
Photo Credit: NDTV Reporter

पेपर लीक माफिया भूपेंद्र का भाई है गोपाल

बताते चलें कि गोपाल सारण वर्ष 2014 में राजस्थान पुलिस में शामिल हुआ था. सर्विस के दौरान 2020 में उसे पाली के बगड़ी थाने का प्रभारी बनाया गया था. इस दौरान क्रूड ऑयल चोरी के मामले में पकड़े जाने पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. मगर, इसके बाद वो फर्जी डिग्री के मामले में पकड़ा गया. गोपाल पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण का भाई है. एसओजी को पूछताछ में इससे कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर कई लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है.

परीक्षा रद्द करने की मांग कर चुके हैं किरोड़ी

कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर 2021 में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को निरस्त करने की मांग की है. उन्होंने लिखा, 'इतने बड़े फर्जीवाड़े के बाद भी अभी तक भर्ती परीक्षा का निरस्त ना होना, मुझे और आमजन को परेशान कर रहा है. जांच में सामने आया है कि पूरी भर्ती में 80 फीसदी से अधिक चयन फर्जीवाड़े से हुआ है. बाकी जो 20 प्रतिशत है, वह भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि अभी बहुत से मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इतना सब कुछ सामने आने के बाद भी भर्ती परीक्षा रद्द क्यों नहीं हुई? जाबिक जांच एजेंसी ने S.I परीक्षा रद्द करने की अनुशंषा सरकार को कर दी है.'

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