Rajasthan: पंजाब से आने वाली सतलुज नदी का 'जहरीला' पानी राजस्थान के लिए बना जानलेवा!लोग हो रहे कैंसर के शिकार

Rajasthan: राजस्थान के श्रीगंगानगर के किसान पंजाब से लगातार आ रहे केमिकल युक्त पानी के कारण राज्य के कई जिले प्रभावित हैं. इसलिए इस जहरीले पानी से निजात पाने के लिए लुधियाना में रोष मार्च निकाला जा रहा है.

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Sri Ganganagar News: राजस्थान के श्रीगंगानगर के किसान साल भर सिंचाई के पानी के लिए आंदोलन करते हैं. लेकिन इसके साथ ही एक और बड़ी समस्या है जो गंभीर होती जा रही है, वो है केमिकल युक्त पानी. यह पानी लगातार पंजाब से आता है.इस केमिकल युक्त जहरीले पानी की वजह से राज्य के कई जिले प्रभावित हैं. इसलिए इस जहरीले पानी से निजात पाने के लिए लुधियाना में रोष मार्च निकाला जा रहा है.

पंजाब के लुधियाना में होगा रोष मार्च

पिछले कुछ समय से पंजाब की नहरों से छोड़े जा रहे दूषित जहरीले पानी की समस्या का स्थाई समाधान करवाने के लिए आंदोलन तेजी से आगे बढ़ने लगा है. इसके तहत 24 अगस्त को लुधियाना में रोष मार्च निकाला जा रहा है. इसमें राजस्थान और पंजाब से लोग भाग लेंगे. इस मार्च का समर्थन कर रही श्रीगंगानगर आंदोलनकारी समिति 'दूषित जल सुरक्षित कल समिति' ने लोगों से इस मार्च में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की है. इस समिति के सदस्य महेश पेड़ीवाल ने बताया कि इस रोष मार्च में पंजाब से भी कई कलाकार इसमें भाग लेंगे. रोष मार्च के लिए स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क किया जा रहा है.। समिति के प्रवक्ता रमजान अली चोपदार ने बताया कि इसके लिए झंडा और पोस्टर जारी कर दिया गया है.

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बुड्ढा नाला सतलुज नदी को कर रहा है दूषित

सतलुज नदी पंजाब और राजस्थान की प्रमुख नदी है जो आज गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना कर रही है. इसका मुख्य कारण पंजाब का बुड्ढा नाला है, जो नदी में प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत बन गया है. कभी लुधियाना की स्वच्छ जलधारा के रूप में जाना जाने वाला यह नाला अब सबसे प्रदूषित हो गया है. इसने नदी के पानी की गुणवत्ता को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है. बुड्ढा नाला 14 किलोमीटर लंबा है जो लुधियाना शहर के बीच से होकर बहता है. आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे मनिंदर मान ने बताया कि लुधियाना की हजारों इलेक्ट्रोप्लेटिंग और रंगाई कारखानों का कचरा इसी नाले में गिरता है और इसके माध्यम से सतलुज नदी में मिलता है. यह नाला विभिन्न औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू कचरा और अनुपचारित सीवेज से अत्यधिक प्रदूषित हो गया है. हर दिन यह नाला लगभग 200 मिलियन लीटर अनुपचारित सीवेज ले जाता है, जो सतलुज नदी में गिरता है. इसके अलावा, इसमें विभिन्न प्रकार के जहरीले रसायन और औद्योगिक कचरे भी मिलते हैं,जो नदी के जल को और भी अधिक प्रदूषित बनाते हैं. 

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पंजाब से जाने वाली ट्रेन का नाम पड़ा कैंसर ट्रेन

ऐसा नहीं है कि इस दूषित पानी से सिर्फ राजस्थान के लोग ही प्रभावित हैं. सतलुज नदी पंजाब के एक बड़े इलाके को भी पानी की आपूर्ति करती है, इसलिए यहां भी बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हैं और इस दूषित पानी से जुड़ी बीमारियों, खासकर कैंसर से पीड़ित हैं. इसी के चलते पंजाब के भटिंडा से बीकानेर तक एक ट्रेन जाती है जिसे कैंसर ट्रेन कहा जाता है क्योंकि इसमें कई कैंसर के मरीज होते हैं. राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी पीएम मोदी के सामने यह मुद्दा उठाया था.

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इलाज के साथ साथ स्थायी समाधान पर हो बात

टांटिया यूनिवर्सिटी के वाईस चेयरमैन डा. मोहित टांटिया का कहना है कि औद्योगिक अपशिष्ट का स्तर इतना है कि पानी को फ़िल्टर करने के बाद भी उसमे अशुद्धियां रह जाती हैं जो हमारे स्वास्थ पर असर डाल रही हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि श्री गंगानगर में सरकार ने कैंसर विंग खोलने की घोषणा की है और दो प्रोजेक्ट निजी स्तर पर शुरू हैं. लेकिन यदि कैंसर के इलाज के बजाय उसके रोकने पर काम हो तो वह अधिक बेहतर है.

इसी के साथ जल संसाधन विभाग और पीएचईडी के अधिकारियों का कहना है कि नियमित रूप से पेयजल और सिंचाई पानी के सैम्पल लेकर उनकी जांच करवाई जाती है. विभाग का कहना है कि पानी को फ़िल्टर करने के बाद ही सप्लाई किया जाता है.

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