राजस्थान में चोरी का नया पैटर्न, गूगल मैप से ट्रैसिंग के बाद फिर जुराबें पहनकर ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

इस गैंग के जरिए जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और हनुमानगढ़ सहित 12 जिलों  से अधिक नकबजनी की वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है.

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Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर में चोरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. आधुनिक तकनीकों और चोरी के रोज नए पैटर्न के साथ कई गिरोह एक्टिव हो चुके है. इन चोरों पर लगाम लगाने के लिए जैसलमेर पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने लगातार आमजन की नाक में दम कर रखा था. 

 विशेष टीम गठित कर की गई कार्रवाई

मामले को लेकर जैसमलमेर के SP सुधीर चौधरी ने बताया कि पुलिस थाना मोहनगढ़ के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर इस कार्रवाई को किया गया , जिसमें करीब 20 किमी तक पैरों के निशानों का पीछा कर तीन आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की. इस गैंग के जरिए जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और हनुमानगढ़ सहित 12 जिलों  से अधिक नकबजनी की वारदातों को अंजाम दिया जाता था.. इस कारर्वाई में सुखराम,.गुरबचन सिंह और गुरदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है. 

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चोरी के नए पैटर्न का किया खुलासा

जैसमलमेर के SP सुधीर चौधरी ने मामले में आगे जानकारी देते हुए बताया कि गिरोह के सदस्यों ने चोरी के पैटर्न का नया खुलासा किया. उन्होंने बताया कि वे इसके लिए मोटरसाईकिल और चौपहिया वाहन का इस्तेमाल करते  थे, इन्हें वे  अपने घर से 300-400 किमी दूरी पर खड़ा कर देते थे. फिर चोरी करने वाले मकानों को पहले गूगल मैप से चुनते थे. जिसके बाद वे अपने पैरों में 2 से 3 जोड़ी जुराब पहनते थे, जिससे आवाज कम हो और सोए हुए घरवालों की नजरों से बचकर खिड़की, दरवाजों और छतों से घर में घुस सके. फिर गहने और नकदी से भरे संदूकों को उठाकर 500-600 मीटर की दूरी पर झाड़ियों में ले जाकर उनमें से माल निकालकर संदूक छोड़कर फरार हो जाते थे.  

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शौक पूरे करने के लिए करते थे चोरियां

पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि ये चोरिया वे केवल अपने शौक पूरे करने के लिए करते थे. इसलिए  यह गैंग हमेशा एक ही रात में दो-तीन घरों को निशाना बनाया करते थे. इसी के साथ पकड़े गए गैंग के सदस्यों से जिले के विभिन्न मामलों में आगे की पूछताछ की जा रही हैं, जिनसे और भी कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना हैं. अलग अलग जिलों में 13 से ज्यादा चोरी के मामले दर्ज है.