उदयपुर में दूषित जल पीने से 4 लोगों की मौत, तीन दिन में करीब 35 लोग हुए बीमार

उदयपुर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर कई गांव दूषित जल के प्रभाव में हैं. जहां 35 लोग दूषित जल पीने से बीमार है और 4 लोगों की मौत हो गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: राजस्थान में पानी की समस्या दशकों से चली आ रही है. जहां कुछ जिलों में पानी आपूर्ति की समस्या है. तो वहीं कई जिले तो दूषित जल की समस्या से परेशान है. राजस्थान के उदयपुर में दूषित जल की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई है. वहीं बताया जा रहा है कि तीन दिन में करीब 35 लोग बीमार हुए हैं. दूषित जल पीने के बाद लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत कर रहे हैं. वहीं मरने वाले चार लोगों में दो बच्चे, एक बुजुर्ग और एक युवक शामिल हैं.

उदयपुर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर कई गांव दूषित जल के प्रभाव में हैं. इसमें खण्डेरा फला और दूसरा रुणिया फला गांव में 35 लोग दूषित जल पीने से बीमार हो गए हैं. सभी को उल्टी,, दस्त और पेट दर्द की शिकायत है. वहीं इस घटना की सूचना CMHO को मिलने के बाद मेडिकल टीम ने यहां सर्वे किया है.

दो बच्चे समेत चार लोगों की मौत

उदयपुर में दो अलग-अलग गांव में दो बच्चों की मौत हुई है. रोडिया फला गांव के 7 साल के तुषा की मौत हुई है. जबकि खजूरी गांव के एक तीन साल के बच्चे की मौत हुई है. वहीं इसी गांव के एक 67 साल के बुजुर्ग मेघा भेरा मीणा की मौत हो गई है. इसके अलावा देर रात 19 जुलाई को एक और युवक की मौत हो गई है. यानी दूषित जल की वजह से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. 

जिला कलेक्टर के आदेश के बाद गांव में जो लोग बीमार हैं उन्हें राजकीय चिकित्सालय में रेफर किया गया है. मरीजों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

Advertisement

दूषित जल को लेकर डॉ बामनिया ने बताया कि मेडिकल टीम से सर्वे कराया जा रहा है. जबकि सामान्य बीमार लोगों को इलाज में ओआरएस और जिंक के अलावा पेट दर्द और उल्टी रोकने की दवाई दी गई है. कहा गया है कि यह लोग दूषित जल पीने की वजह से बीमार हो गए हैं.

सालों से पी रहे हैं वेरी से पानी पी रहे हैं

बताया जा रहा है कि पहाड़ी इलाके में गांव होने की वजह से यह लोग नदी नालों में बनी वेरी से पानी के पानी पीते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सालों से सभी लोग वहां का पानी पी रह हैं. लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुआ. यह पहली बार है कि लोग इस तरह से बीमार हो रहे हैं.'

Advertisement

यह भी पढ़ेंः गुरु पूर्णिमा विशेष: बूंदी के लाल लंगोट बाबा की इस जिद ने बदल दी पहाड़ की तस्वीर, जानें पूरी कहानी