राजस्‍थान के इस गांव को कहते हैं डॉक्‍टरों की फैक्‍ट्री, हर तीसरे घर में है MBBS डॉक्‍टर

सीकर के कोटडी धायलान गांव में 138 MBBS डॉक्‍टर हैं. इस गांव को डॉक्‍टरों के गांव के नाम से जाना जाता है, और डॉक्‍टरों की फैक्‍ट्री भी कहा जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
सीकर के कोटडी धायलान गांव में 138 MBBS डॉक्‍टर हैं.

राजस्थान के सीकर जिले में एक गांव ऐसा भी है, जिसके युवाओं ने अपने गांव की पहचान स्वयं लिखी है. 1968 में शुरू हुआ यह कारवां आज तक बदस्तूर जारी है. आपको बता दें की सीकर जिले के रींगस उपखंड क्षेत्र में आने वाले एक छोटे से गांव कोटडी धायलान को पूरे हिंदुस्तान में डॉक्टरों वाले गांव के नाम से जाना जाता है, और यह महज केवल नाम ही नहीं है, यहां के युवाओं ने शिक्षा के क्षेत्र में झंडा गाड़ते हुए इस नाम को हासिल किया है. और आज तक जारी है .

कोटडी धायलान के 138 लोग डॉक्टर 

कोटडी धायलान के लोगों ने बताया कि गांव में अब तक कुल 138 डॉक्टर बने हैं, जिनमें से 100 लोगों की MBBS पूरी हो चुकी है, 38 बच्चे MBBS कर रहे हैं. इन्हीं में कई राजस्थान के प्रसिद्ध डॉक्टर भी रहे हैं, फिर चाहे वह डॉक्टर पुष्कर धायल हों या फ‍िर डॉक्टर एच एस धायल हों. डॉक्टर जीएल धायल वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. एसएमएस अस्पताल जयपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसी एक लंबी लिस्ट है. लगभग 50 डॉक्‍टर प्रदेश सहित देश के कई बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

डॉक्टर अनिता धायल एमबीबीएस करने के बाद छत्तीसगढ़ में सेवाएं दे रही हैं.

शिक्षा जगत में भी पहचान 

ये लोग अपने गांव और जिले सहित देश का नाम रोशन कर रहे हैं. इसके अलावा इस गांव के लोग शिक्षा जगत में भी अपनी पहचान कायम कर चुके हैं. गांव के हर तीसरे घर में एक डॉक्टर या एक शिक्षक मिल जाएगा. सेना में भी काफी लोग इस गांव के हैं. डॉक्टरों का यह गांव अपनी पहचान को लगातार आगे बढ़ाने में लगा हुआ है. हर साल 5 से 6 डॉक्टर यहां से चयनित होते हैं, और देश के नामी कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं.

कोटडी धायलान गांव की हिमांशी धायल MBBS पढ़ाई कर रही है.

बच्चों को डॉक्टर बनने के लिए किया प्रेरित  

इस गांव के पहले MBBS डॉक्टर पुष्कर धायल आज भी मानव सेवा को सर्वोपरि मानते हुए एक छोटा सा क्लिन‍िक चलाते हैं. उनकी फीस भी नाम मात्र की है. उन्होंने सरकारी नौकरी ज्वाइन नहीं क‍िया. उनका यही मकसद था कि वह बच्चों को मोटिवेट करें, और आगे बढ़ाएं . कोटडी के पहले सरकारी डॉक्टर एचएस धायल हैं, जो बच्चों के डॉक्टर के रूप में पूरे प्रदेश में विख्यात हैं.

Advertisement

सरपंच के घर में पांच लोग डॉक्टर 

वर्तमान महिला सरपंच मीरां देवी खुद 10 तक पढ़ी हैं, पर उनके दो बेटों सहित परिवार में 5 लोग डाक्टर हैं. उनका कहना है कि मैं तो ज्यादा नहीं पढ़ सकी, लेकिन मेरा मकसद है कि गांव का हर बच्चा बहुत अच्छी शिक्षा प्राप्त करें.

यह भी पढ़ें: सालासर बालाजी से लौट रहे श्रद्धालुओं की पिकअप ने मारी खड़े ट्रेलर को टक्कर, 10 भक्तों की मौत

Advertisement