सालों से भीषण गर्मी में पानी के संकट से जूझ रहा ये गांव, 4 घंटे के अंदर प्रशासन को क्यों देना पड़ा पानी?

जोधपुर में पानी के संकट से जूझ रहा पूरा गांव पानी की टंकी पर चढ़ गया. जिसके बाद प्रशासन ने गांव वालों से बातचीत कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया.

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बोरवेल की खुदाई करने के दौरान की तस्वीर

Luni Water Crisis: राजस्थान के कई ईलाकों में लोग भीषण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसी ही समस्या जोधपुर (Jodhpur) के लूणी विधानसभा क्षेत्र के उतेसर गांव में देखने को मिली, जहां लंबे समय से पेयजल की समस्या बनी हुई थी. जिसको लेकर चुनाव से पहले नेताओं ने वादे भी किए थे. लेकिन चुनाव भी निकल गए और क्षेत्र वासियों को पेयजल सुविधा मुहैया नहीं हो पाई. भीषण गर्मी के बीच गांव वालों ने कई बार जलदाय विभाग (Water Supply Department) के अधिकारियों को समस्या का समाधान करने के लिए ज्ञापन दिया और विरोध प्रदर्शन (Protest) भी किए. लेकिन इस बार गांव वालों के विरोध का तरीका कुछ अलग रहा.

प्रशासन ने दिलाया भरोसा तब उतरे ग्रामीण

स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल को भी इस समस्या का समाधान करने के लिए कहा लेकिन समाधान नहीं होते देख पिछले 4 दिनों में दो बार पानी की टंकी पर चढ़कर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. 2 दिन पहले एक युवक टंकी पर पेट्रोल लेकर चढ़ गया और आत्मदाह करने की धमकी देने लगा. प्रशासन द्वारा बहुत समझाने बुझाने के बाद युवक को नीचे उतारा जा सका. उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका. 

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सोमवार को पूरा गांव टंकी पर चढ़ गया जिसके बाद प्रशासन ने गांव वालों से बातचीत कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया. वही जलदाय विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनके क्षेत्र में रोजाना 4 टैंकर पानी के आएंगे और एक ट्यूबवेल जो हाथों-हाथ खोदा जा रहा है. इसके बाद गांव वाले पानी की टंकी के नीचे उतर आए.

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पानी देखकर लोगों के चेहरे खिले

ग्रामीणों को दिए आश्वासन के बाद जलदाय विभाग ने भी बोरवेल मशीन भेज कर बोरवेल खुदवाया. करीब 4 घंटे बाद बोरवेल के प्रयासों से गांव में पानी निकल आया. पानी भी मीठा निकलने से गांव वालों के चेहरे पर खुशियों की लहर दौड़ पड़ी. जहां गांव वालों ने गंगा मैया की जय के नारे लगाएं. तो वही प्रशासन का भी आभार जताया. पानी आने के बाद गांव वालों ने बताया कि ट्यूबवेल लगने के साथ अब इस गांव के पशु गर्मी में पेयजल की किल्लत से नहीं मरेंगे. वहीं लोगों को भी पानी मिलने से काफी राहत मिलेगी.

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