Rajasthan: एक ऐसा रेलवे स्टेशन, जहां चाय पीने के लिए यात्रियों को बार्डर पार करना पड़ता है!

समुद्र तल से 383 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्टेशन दिल्ली को मुंबई से जोड़ने वाली लाइन पर मौजूद मुख्य स्टेशनों में से एक है. 350 से अध‍िक स्टेशन सीधे जुड़ा भवानी मंडी रेलवे स्टेशन से हर द‍िन करीब 8 से 10 हजार यात्री आवागमन करते हैं. यहां प्रतिदिन करीब 44 गाड़ियां रुकती हैं.

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मध्य प्रदेश और राजस्थान पर बार्डर रेलवे स्टेशन

Bhawani Madi Railway Station: आप में से हर किसी ने ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में सुना होगा जो दो राज्यों के बीच बंटा हुआ है. यानी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन जब खड़ी होती है तो उसका इंजन एक राज्य में होता है और डिब्बे दूसरे राज्य में होता है. टिकट विंडो पर बैठा क्लर्क राजस्थान में होता है, तो टिकट की लाइन में खड़े यात्री मध्य प्रदेश में होते हैं. 

राजस्थान-मध्य प्रदेश बार्डर पर स्थित इस स्टेशन पर पैसेंजर मध्य प्रदेश में उतरते हैं और चाय पीने के लिए राजस्थान में जाना पड़ता है. इस अनोखे रेलवे स्‍टेशन के साथ यात्री सेल्‍फी लेने का मौका नहीं छोड़ते. मजेदार यह है कि आरपीएफ, राजस्थान व मध्य प्रदेश पुलिस साथ काम करती है.

मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित यह रेलवे स्टेशन कई मायनों में बेहद खास है. इस स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि यहां पर लोग टिकट लेने के लिए राजस्थान में खड़े होते हैं और टिकट देने वाला क्लर्क मध्य प्रदेश में बैठता है. स्टेशन का उत्तरी भाग मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में और दक्षिणी भाग राजस्थान के झालावाड़ जिले में है.

मध्य प्रदेश और राजस्थान सीमा से सटा भवानी मंडी रेलवे स्टेशन

कोटा संभाग के झालावाड़ जिले का भवानी मंडी ऐसा ही स्टेशन है, जहां प्लेटफॉर्म पर खड़ी आधी ट्रेन राजस्थान में होती है, तो आधी ट्रेन मध्य प्रदेश में खड़ी होती है. राजस्थान-मध्य प्रदेश के बार्डर पर स्थित यह स्टेशन भारत में 5 उन रेलवे स्टेशनों में शुमार है जो दो राज्यों में बंटी है.

दिलचस्प बात यह है कि भवानी स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों के घर के आगे का दरवाजा भवानी मंडी कस्बे में खुलता है, तो वहीं पीछे का दरवाजा मध्य प्रदेश के भैंसोदा मंडी में खुलता है. दोनों राज्यों के लोगों की बाजार भी एक ही है. हर छोटे बड़े काम के लिए भवानी मंडी स्टेशन पर लोगों को आना ही पड़ता है, इसलिए दोनों राज्यों के लोगों में आपसी प्रेम और सौहार्द दिखाई देता है. 

रेल यात्रा के दौरान आनंदित होते हैं यात्री

दो राज्यों के बॉर्डर पर पड़ने की वजह से भवानी मंडी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से सफर करने वाले यात्री भी खूब आनंदित होते हैं. लोग कहते हैं कि पूरा परिवार एक ही ट्रेन में सफर कर रहा है, लेकिन एक ही समय में आधा परिवा मध्य प्रदेश में होता है तो आधा परिवार भौगोलिक रूप से राजस्थान में होता है.

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मध्य प्रदेश में उतरकर चाय राजस्थान में पीते हैं पैसेंजर

राजस्थान और मध्य प्रदेश बार्डर पर निर्मित भवानी मंडी रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर मध्य प्रदेश में उतरते हैं तो उन्हें चाय पानी के लिए राजस्थान में आना पड़ता है. यहां आने वाले यात्री इस अनोखे रेलवे स्‍टेशन के साथ सेल्‍फी लेने का कोई मौका नहीं छोड़ते. मजेदार यह है कि यहां आरपीएफ, राजस्थान पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस तीनों साथ काम करती है.

समुद्र तल से 383 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्टेशन दिल्ली को मुंबई से जोड़ने वाली लाइन पर मौजूद मुख्य स्टेशनों में से एक है. 350 से अध‍िक स्टेशन सीधे जुड़ा भवानी मंडी रेलवे स्टेशन से हर द‍िन करीब 8 से 10 हजार यात्री आवागमन करते हैं. यहां प्रतिदिन करीब 44 गाड़ियां रुकती हैं.

ड्रग व्यापार के लिए बदनाम है इलाका

झालावाड़ जिले के भवानी मंडी का यह इलाका सीमा पर होने के कारण नशीले पदार्थों के कारोबार के लिए बदनाम हैं. अपराधी क्राइम करने के बाद सीमावर्ती दोनों राज्यों में भाग जाते हैं. सीमावर्ती इलाका होने की वजह से तस्कर अपराधी इसका फायदा खूब उठाते हैं. यहां अक्सर सीमा को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस के बीच भी विवाद होता है.

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दो राज्यों में बंटे हैं देश के 5 रेलवे स्टेशन

1- राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित भवानी मंडी रेलवे स्टेशन
2-गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित नवापुर रेलवे स्टेशन
3- राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित ढोढर रेलवे स्टेशन
4- महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थितसोनेगांव रेलवे स्टेशन
5-ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थितझारसुगुड़ा रोड रेलवे स्टेशन

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