देवी सिंह भाटी के सियासी हमले के बाद अमित शाह से मिले राजेंद्र राठौड़, जानें क्या है इसके सियासी मायने

राजेंद्र सिंह राठौड़ और अमित शाह की मुलाकात को शिष्टाचार भेट कहा जा रहा. जिस तरह से राजेंद्र राठौड़ को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. अब इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

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Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी के अंदर इन दिनों लोकसभा चुनाव में हुए हार को लेकर गहन मंथन चल रहा है. वहीं इसकी माना जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने पीएम मोदी से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है. वहीं, राजस्थान में शेखावटी जाटलैंड में तीन अहम सीटों पर हार को लेकर राजेंद्र सिंह राठौड़ (Rajendra Singh Rathore) पर बीजेपी के अंदर ही निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी (Devi Singh Bhati) ने जाटलैंड में हार का सबसे कारण राजेंद्र सिंह राठौड़ को ठहराया है. इसके बाद दबे मुंह सियासत तेज हो गई है.

वहीं अब राजेंद्र सिंह राठौड़ ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की है. हालांकि इसे शिष्टाचार मुलाकात कहा जा रहा है. लेकिन प्रदेश में जिस तरह से राजेंद्र राठौड़ को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उसके बाद इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

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चुनाव में फेल हुए राजेंद्र सिंह राठौड़

राजेंद्र सिंह राठौड़ विधानसभा चुनाव 2023 में तारानगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. लगातार 7 बार चूरू और तारानगर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले राजेंद्र राठौड़ को 2023 में तारानगर सीट पर हार का सामना करना पड़ा. वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में उन पर भरोसा कर चूरू लोकसभा सीट पर देवेंद्र झाझरिया को चुनाव जीताने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन इस जिम्मेदारी को भी संभालने में वह असफल रहे. बताया जाता है चूरू सीट से राहुल कस्वां के साथ उनकी लड़ाई बीजेपी को भारी पड़ी. क्योंकि बीजेपी से राहुल कस्वां का चूरू सीट से टिकट कटवाने के पीछे राजेंद्र राठौड़ का हाथ माना जाता है. क्योंकि उन्होंने कस्वां पर आरोप लगाया था कि तारानगर सीट उनकी वजह से हार हुई. लेकिन राहुल कस्वां के कांग्रेस में जाने के बाद जाट वोटरों में नाराजगी हुई और शेखावटी जाटलैंड के तीन लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.

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देवी सिंह भाटी ने भी राठौड़ को ठहराया हार का कारण

बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने बीजेपी को मिली हार की वजह सीधे तौर पर राजेंद्र सिंह राठौड़ को ठहराया. उन्होंने कहा कि

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राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान में चुनाव का पूरा वातावरण खराब कर दिया. जिस प्रकार से राजस्थान में टिकट कटवाया गया यह गलत था. सबसे बड़ा घातक चूरू सीट से राहुल कास्वां का टिकट कटवाना साबित हुआ. जबकि राहुल कस्वां का काम और जन संपर्क काफी अच्छा था. लेकिन कस्वां का टिकट काटने से पूरे राजस्थान में जाट एकजुट नहीं रहे. बीजेपी को जाट वोट का भारी नुकसान हुआ. इस वजह से जाट विद्रोह करने लगे.

अमित शाह से मुलाकात के मायने

राजेंद्र सिंह राठौड़ ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की है. इससे पहले सीएम भजनलाल शर्मा भी अमित शाह से मिले थे. लेकिन इसके बाद राजेंद्र राठौड़ की मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है कि वह डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे हैं. वहीं लगातार चुनाव में असफल होने के बाद अब वह अपनी नई सियासी जमीन तलाश रहे हैं. अब राजस्थान में उनकी क्या जिम्मेदारी होगी इसे लेकर उन्होंने अमित शाह से चर्चा जरूर हुई होगी. हालांकि, आलाकमान राजेंद्र राठौड़ को कौन सी जिम्मेदारी देंगे यह कहना मुश्किल है.

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