![राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, बीजेपी के लिए कांग्रेस, RLP और BAP कितनी बड़ी चुनौती राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, बीजेपी के लिए कांग्रेस, RLP और BAP कितनी बड़ी चुनौती](https://c.ndtvimg.com/2024-06/uvru8iu_bjp-congress-rajasthan-_625x300_18_June_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan Assembly By-Election 2024: राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव की घोषणा होने वाली है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान के पांच विधायक अब सांसद बन चुके हैं. जिसके बाद पांचों सांसदों ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. इसमें मुरारी लाल मीणा, हरिश्चचंद मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रोत शामिल है. आपको बता दें इसमें तीन विधायक कांग्रेस, एक विधायक RLP और एक विधायक BAP पार्टी से है. ऐसे में बीजेपी के लिए इन सीटों को जीतने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा.
इन सभी विधायकों ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है. इसमें मुरारी लाल मीणा, हरिश्चचंद मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, हनुमान बेनीवाल ने 18 जून को अपना त्याग पत्र दिया है. जबकि राजकुमार रोत ने 14 जून को ही अपना त्याग पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया था. अब 6 महीने के अंदर इन 5 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है.
किन पांच सीटों पर होगा उपचुनाव
दौसा- मुरारी लाल मीणा (कांग्रेस), देवली उनियारा- हरिश्चंद मीणा (कांग्रेस), झुंझुनूं- बृजेंद्र सिंह ओला (कांग्रेस), खींवसर- हनुमान बेनीवाल (RLP),चौरासी- राजकुमार रोत (BAP)
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इन पांचों सीटों पर पिछले साल 2023 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें बीजेपी को इन पांचों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में बीजेपी के लिए उपचुनाव काफी चुनौती पूर्ण होने वाला है. हालांकि, बीजेपी ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी पांचों सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए मास्टरप्लान बनवाना शुरू कर दिया है.
पांचों विधानसभा सीटों पर किसका पलड़ा भारी
वैसे तो कांग्रेस झुंझुनू, देवली और दौसा सीटों पर अपना पलड़ा भारी मान रही है. वहीं माना जा रहा है कि विधानसभा उपचुनाव में भी RLP और BAP कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. ऐसे में उपचुनाव में कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला भी देखने को मिल सकता है. शेखावटी की झुंझुनूं सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है. इस सीट पर कांग्रेस आखिरीबार 2003 में हारी थी. तब सुमित्रा सिंह ने बीजेपी की टिकट पर जीत दर्ज की थी. वहीं लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने झुंझुनूं सीट पर वापसी कर ली है.
वहीं देवली उनियारा और दौसा सीट गुर्जर-मीणआ बाहुल्य सीट है. इस सीट पर सचिन पायलट का खास प्रभाव है. लोकसभा चुनाव में भी दौसा सीट पर कांग्रेस की जीत के लिए सचिन पायलट का प्रभाव ही माना जा रहा है. ऐसे में यह दोनों सीट कांग्रेस का दबदबा है.
चौरासी विधानसभा सीट की बात करें तो आदिवासी बहुल्य क्षेत्र में BAP पार्टी का दबदबा है. इस सीट से राजकुमार रोत लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं. अब वह खुद सांसद बन गए हैं. ऐसे में BAP के उम्मीदवार की जीत की संभावना जताई जा रही है.
खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल का एकछत्र राज है. वह चार बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए इस सीट RLP की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. हालांकि इस बार हनुमान बेनीवाल ने महज 2059 सीटों से जीत हासिल की थी. बता दें, खींवसर जाट बहुल्य सीट है.
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