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राजस्थान में आसमान से बरसी आफत! सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी में जनजीवन ठप, बचाव के लिए सेना बुलाई

सवाई माधोपुर और कोटा में बाढ़ जैसे हालात हैं. राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना को बुलाया गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रभावित जिलों की स्थिति का जायजा लिया है.

राजस्थान में आसमान से बरसी आफत! सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी में जनजीवन ठप, बचाव के लिए सेना बुलाई
कोटा में आर्मी और एसडीआरएफ के रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान में मानसून ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया है. पिछले 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) ने कई जिलों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. सबसे ज्यादा खराब हालात कोटा (Kota) और सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) में हैं, जहां बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. सड़कों पर सैलाब है, घरों में पानी घुस चुका है और कई इलाकों का संपर्क टूट गया है. हालात को देखते हुए प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना (Army) को बुला लिया है.

सीएम ने संभाला मोर्चा

लगातार हो रही बारिश और बिगड़ते हालात पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने टोंक, कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी और दौसा के जिलाधिकारियों से फोन पर बात कर स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने NDRF, SDRF और पुलिस को 24 घंटे मुस्तैद रहने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) और ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर (Heeralal Nagar) को प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए भी भेजा है, ताकि जमीनी स्तर पर राहत कार्यों का जायजा लिया जा सके.

सवाई माधोपुर बुरी तरह प्रभावित

मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को सवाई माधोपुर में सबसे ज्यादा 254 MM बारिश दर्ज की गई. इतनी बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में घरों में पानी भर गया है. लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं. शहर के बीच से बह रही नदियों और नालों का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि वहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं.

सुरवाल बांध में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 8-10 लोगों को ले जा रही एक नाव तेज बहाव में डूब गई. स्थानीय ग्रामीणों ने जैसे-तैसे 8 लोगों को बचाया, लेकिन बाकी लोगों की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस उपाधीक्षक उदय सिंह ने बताया कि बचाव दल लापता लोगों को खोजने में जुटा हुआ है.

भारी बारिश के कारण रेल यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सवाई माधोपुर स्टेशन पर पटरियां पानी में डूब गईं, जिससे कई ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा. गंगानगर-कोटा एक्सप्रेस, जयपुर-बयाना और भगत की कोठी-इंदौर एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है.

कोटा में सेना ने संभाला मोर्चा

कोटा में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को ठप कर दिया है. जिला प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए सेना से मदद मांगी. सेना की गांडीव डिवीजन की इन्फेंट्री रेजिमेंट के 80 जवानों की टीम दीगोद तहसील के नीमोदा गांव पहुंची. सेना ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए. उन्होंने जलभराव वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और आश्रय स्थलों तक पहुंचाने में मदद की.

बैराज के गेट खोले, सफरी बंद

जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने कहा कि प्रशासन पूरी तत्परता के साथ काम कर रहा है और लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी पहली प्राथमिकता है. कोटा में सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि कुछ लोग वहां तैराकी करते हुए भी दिखाई दिए. कोटा बैराज के तीन गेट पानी छोड़ने के लिए खोल दिए गए हैं ताकि बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध रणथंभौर बाघ अभयारण्य में भी सफारी को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया गया.

स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान

बढ़ते जलस्तर और हादसों के मद्देनजर, बारां, झालावाड़, कोटा और बूंदी समेत कई जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है, जबकि नौ-दस जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है. आने वाले दिन राजस्थान के लिए और भी मुश्किल भरे हो सकते हैं.

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