EXCLUSIVE: 'राजपूत भाजपा से नाराज़ हैं, हम उन्हें मनाने में लगे, पर हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं', NDTV से बोले मानवेंद्र

Rajasthan Politics: हाल ही में भाजपा में शामिल हुए मानवेन्द्र सिंह जसोल लगातार बाड़मेर-जैसलमेर में राजपूत मतदाताओं की नाराजगी दूर करने में जुटे हुए हैं. इस कड़ी में वो शिव और जैसलमेर में बैठक भी ले चुके हैं. लेकिन क्या कारण है कि अब तक राजपूत वोटर्स नाराज है?

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मानवेंद्र पिछले विधानसभा चुनाव सिवाना से हार चुके हैं

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में दूसरे चरण के मतदान को लेकर प्रचार प्रसार थम चुका है. लेकिन प्रचार थम जाने के बाद तमाम पार्टियां व प्रत्याशी अब अंदरूनी जुगत भिड़ाने में लगे हुए हैं. क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान की सबसे बड़ी लोकसभा सीट बाड़मेर जैसलमेर में त्रिकोणीय मुकाबला है. भाजपा तीसरी बार राजस्थान में 25 की 25 सीट जीतना चाहती है और बाड़मेर जैसलमेर की सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. जिसके चलते भाजपा कोर वोटर्स माने जा रहे राजपूत मतदाताओं को साधने के जतन लगातार जारी है.

राजपूत मतदाताओं को साधने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की 12 अप्रैल को बाड़मेर सभा में मानवेंद्र सिंह जसोल की भाजपा में घर वापसी के साथ जो प्रयास शुरू हुए थे, वो अब तक जारी है. जिसके तहत पहले सुबे के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठकें कीं. वहीं भजनलाल सरकार में मंत्री राज्यवर्धन सिंह और भाजपा के कद्दावर नेता मानवेन्द्र सिंह जसोल भी लगातार बाड़मेर जैसलमेर में राजपूत मतदाताओं की नाराजगी दूर करने में जुटे हुए हैं. शिव और जैसलमेर में बैठक भी ले चुके हैं. लेकिन क्या कारण है कि अब तक राजपूत वोटर्स नाराज हैं? क्या गुजरात से यह आक्रोश राजस्थान और जैसलमेर तक आया है या अन्य कोई कारण है?

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इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार थमने के बाद मानवेन्द्र सिंह जसोल से NDTV के जैसलमेर संवाददाता श्रीकांत व्यास ने खास बातचीत की.

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सवाल - राजस्थान की 13 सीटों पर मतदान होने वाला है, राजपूत वोटर्स में नाराजगी है?

जसोल - रूपाला जी के बयान से समाज में आक्रोश है. चाहे गुजरात से आया हो या राजस्थान में हो, लेकिन आक्रोश तो है. इसके बारे में मैने पहले भी टिप्पणी की है. परंतु आक्रोश केवल किसी एक बयान से नहीं आता है. कई वर्षों से कुछ ना कुछ होता रहता है जिसकी वजह से आक्रोश बढ़ता रहता है. अबकी बार यह आक्रोश दिखा भी था. इसलिए मुख्यमंत्री ने भी बैठक ली थी और मेरे जैसे कार्यकर्ताओं को भी फिल्ड में भेजा गया है सुनने के लिए, ठंडा करने के लिए. हमारा भी यही प्रयास है कि इस आक्रोश का असर वोटिंग पर ना पड़े.

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सवाल - राजपूत वोटर्स से बैठक की तो उनका क्या कहना है?

जसोल - देखिए मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, ना ही किसी राजनेता के पास है. हम तो सिर्फ प्रयास कर सकते हैं. और जिस प्रकार इस क्षेत्र में हमारे वर्षों से संबंध है. इस कारण कुछ अधिक सुनने को भी मिल सकता है. लोगों में हमारे प्रति विश्वास है तो कुछ ज्यादा बोल भी सकते हैं और भड़ास भी निकाल सकते हैं. जब से मैं फील्ड में आया हूं मेरा प्रयास यही रहा है की लोगो की भड़ास मुझ पर निकल जाए और 26 तारीख को मतदान सही दिशा में हो. 

सवाल -  पहले चरण में 12 सीटों मतदान प्रतिशत कम हुआ इसके बारे में आप क्या सोचते हैं?

जसोल - पहले चरण में 12 सीटों मतदान प्रतिशत कम होना आश्चर्यजनक है, क्योंकि मौसम भी ठीक था, सावे भी नहीं थे. इसका कारण तो नहीं बता पाऊंगा, क्योंकि मैं वहां गया ही नहीं. हमारा प्रयास यही है कि इस क्षेत्र में पिछले चुनाव या अन्य चुनाव में अच्छी पोलिंग रही है तो मुझे विश्वास है कि यहां मतदान अच्छा होगा. प्रतिशत बढ़िया रहेगा.

सवाल - इस सीट पर आपने भी चुनाव लड़ा है एक बार जीते एक बार हार का सामना करना पड़ा...क्या आधार है जीत का इस सीट पर?

जसोल - मैं इस क्षेत्र को केवल एक सीट की तरह नहीं देखाता हूं, इसे घर के हिसाब से देखता हूं. सबंध भी इसी तरह के हैं यहां से. कोशिश तो यही है कि उन संबंधों के कारण मतदान अच्छा हो और सही दिशा मे भी हो.

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