राजसमंद की रानी बाला 10 साल से निराश्रित जानवरों की कर रहीं हैं सेवा, अपने खर्चे पर 52 श्वानों की कराई नसबंदी

रानी बाला ने खुद के खर्च से नगर परिषद क्षेत्र में 270 सवालों को वैक्सीन लगाये और निजी तौर पर 52 श्वानों को उदयपुर एनिमल एड में भेजकर उनकी नसबंदी भी करवाई है.

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रानी बाला 10 साल से निराश्रित जानवरों की कर रहीं हैं सेवा

Rajasthan News: राजसमंद जिला मुख्यालय के कांकरोली स्थित आलोक स्कूल के पास पंचवटी कॉलोनी की रहने वाली बनानी बाला शहर में डॉग मदर के नाम से विख्यात है. हालांकि उनका असल नाम रानी बाला है. वह पिछले 10 सालों से श्वानों को भोजन, पानी और दवाओं की व्यवस्था करती आ रही हैं. इस पुनीत कार्य में कुछ जागरुक युवा पशुप्रेमी इनका सहयोग भी करते हैं. जो सूचना आने के बाद न दिन देखते हैं और ना रात. इससे कुछ लोग रानी बाला को पागल कहते हे तो कुछ इनके जीवप्रेम की सराहना भी करते हे, लेकिन इससे इनके जूनून मे कोई कमी नहीं आती.

रानी बाला किया जा चुका है सम्मानित

उदयपुर संभाग में आवारा और लावारिस बेजुबान जानवरों की सेवा कर रही एनिमल एड, उदयपुर से सहयोग प्राप्त कर रानी बाला लगातार सेवा कार्य में जुटी हुई है. कोरोना काल में अपने स्वास्थ्य की चिंता छोड़कर दिन रात बेजुबानों को भोजन और उपचार उपलब्ध कराने के लिए इन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है. वहीं कुछ संस्थानों में रानी बाला को कोरोना वॉरियर अवार्ड से भी नवाजा है. शहर में श्वानों के काटने की शिकायतें मिलने के बाद इन्होंने नगर परिषद से संपर्क किया और वेक्सीन के लिए टेंडर जारी करने की मांग की.

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52 श्वानों की अपने पैसे से करवाई नसबंदी

हालांकि, नगर परिषद द्वारा सकरात्मक प्रतिक्रिया सामने ने आने पर इन्होंने अपने स्तर पर खुद के घर और खुद के खर्च से नगर परिषद क्षेत्र में 270 सवालों को वैक्सीन लगाये और निजी तौर पर 52 श्वानों को उदयपुर एनिमल एड में भेजकर उनकी नसबंदी भी करवाई है. इसके साथ ही इन्होंने अपने घर में करीब 10 हजार परिंदों के लिए दाना पानी की स्थाई व्यवस्था कर रखी है. उसके बाद हाल ही में फिर से जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में सम्मानित किया गया. उनके इस कार्य में उनके पति हरदन बाला और पुत्र उत्सव बाला के अलावा कृष्ण गोपाल गुर्जर और रेणु श्रीवास्तव भी समय समय पर आर्थिक सहयोग करते हैं.

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इनके अलावा युवराज सिंह चौहान का भी बराबर सहयोग मिलता रहता है. इस पूरे परिवार की पहचान ही पशु प्रेमी परिवार के रूप में होने लगी है. पिछले दिनों 270 श्वानों को वैक्सीन के इंजेक्शन लगाए जाने से बीमारियों का खतरा भी कुछ हद तक काम हो गया है. सिर्फ इतना ही नहीं ये पूरी टीम बेजुबानों के लिए कई बार प्रशासन से भी बहस करने को तैयार हो जाती है. रानी ने आगे भी लगातार श्वानों की सेवा और वैक्सीनशन को जारी रखने का संकल्प लिया है.

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