Ayodhya Ram Mandir Inauguration ceremony: राम आएंगे अयोध्या...रामलला के चरणों की पदचाप सुन त्रेता युग में प्रवेश कर जाएंगे रामभक्त!

Ram Temple Consecration Rituals: कुल सात दिनों तक अयोध्या नगरी में चलने वाला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू होगा. 22 जनवरी, 2024 की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूरा होगा. यह अनुष्ठान संजीवनी मुहूर्त में 84 सेकेंड में पूरा किया जाएगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Ayodhya Ram Mandir Inauguration ceremony:अवध बिहारी राम एक बार फिर अयोध्या लौटने जा रहे है. बहुत कम दिन शेष हैं जब रामलला अयोध्या नगर से गुजरेंगे...उनके नन्हें चरणों की पैजनियों की सुमधुर धुन पूरे अयोध्या में गूंजायमान होंगे.अयोध्या ने पिछले 550 वर्षों में हर दिन रामलला के चरणों की पदचाप की प्रतीक्षा की है, और वो आ गए है.

बाल स्वरूप रामलला के पैर जब मंदिर के गर्भ गृह जाने के लिए उठेंगे, तो पूरी अयोध्या नगरी एक बार फिर त्रेता युग में प्रवेश कर जाएगी. 

कुछ ऐसा ही नजारा रहा होगा जब मर्यादा पुरुषोत्तम राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे होंगे. दीयों की रोशनी और फूलों के सुगंधों से सराबोर अयोध्या को भक्तों ने अपने राम की प्रतीक्षा में सजाया था. महाकवि तुलसीदास ने रामचरित मानस में वनवास से लौटे भगवान राम के दर्शन को आतुर अयोध्या का वर्णन बहुत सुंदर किया है. 

"सुमन बृष्टि नभ संकुल भवन चले सुखकंद। चढ़ी अटारिन्ह देखहिं नगर नारि नर बृंद"                                      -तुलसीदास, रामचिरत मानस

कुल सात दिनों तक अयोध्या नगरी में चलने वाला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू होगा और 22 जनवरी, 2024 को संपन्न होगा. अयोध्या रामजन्म भूमि पर निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में 7000 से अधिक गणमान्य साक्षी बनेंगे. इनमें 4,000 संत और 50 विदेशी मेहमान शामिल हैं.

22 जनवरी, 2024 की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूरा होगा. यह अनुष्ठान संजीवनी मुहूर्त में 84 सेकेंड में पूरा किया जाएगा. ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक संजीवनी मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान से किसी तरह की ग्रह बाधा नहीं होती है.

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22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को संजीवनी मुहूर्त में संपन्न होगा. संजीवनी मुहूर्त में संपन्न ने विश्व में भारत के गुरुत्व को बल मिलेगा.

अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी का दृश्य भक्तों को त्रेता युग का आभास कराएगा, जब भगवान श्रीराम का अयोध्या में एक राजा के रूप में राज्याभिषेक किया गया था. त्रेता युग में राजा राम के राज्याभिषेक का अलौकिक दृश्य को आधुनिक युग की नए अयोध्या राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में प्रतिबिंबित होगा. 

नवनिर्मित अयोध्या राम मंदिर में रामलला बाल स्वरूप में विराजेंगे, जहां प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान शास्त्रीय और वैदिक संस्कृति और परंपराओं के अनुसार अनुष्ठान किए जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी रामलला विग्रह की आंखों में काजल और भाल पर तिलक के बाद उन्हें दर्पण दिखाएंगे और फिर महाआरती के साथ मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होगा. 

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22 जनवरी की मध्याह्न मृगशिरा नक्षत्र में 12 बजकर 29 मिनट 8 सेंकेंड से लेकर 30 मिनट 32 सेकेंड क मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री मोदी पीले वस्त्रों में सजे रामलला विग्रह क आंखों की पट्टी (दिव्य दृष्टि) खोलेंगे.

प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पहले दिन 16 जनवरी को राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी क तट पर दशविध स्नान और पूजन और गोदान किया जाएगा. दूसरे दिन 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति के साथ अयोध्या नगर में एक भव्य शोभा यात्रा निकलेगी, जो पूरे अयोध्या में भ्रमण करेगी.

श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू का जल लेकर राम मंदिर पहुंचेंगे. 18 जनवरी को विधिवत प्राण प्रतिष्टठा की विधि का शुभारंभ गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा. 

वहीं, 19 जनवरी को अग्निस्तान (अरणीय मंथन) द्वारा अग्नि प्राकट्य, नवग्रह स्थापर और हवन होगा, जबकि 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड होंगे. 21 जनवरी को रामलला के दिव्य स्नान के बाद उन्हें सुनहरे पलंग पर बच्चों की तरह सुलाया जाएगा और 22 जनवरी की सुबह नित्य पूजन के बाद मध्याह्म काल में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महापूजा होगी. 

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