Ranthambore National Park: सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही लापरवाही की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग अब सख्त हो गया है. हाल ही में एक जंगल सफारी के दौरान कैंटर खराब होने के बाद गाइड द्वारा पर्यटकों को जंगल में अकेला छोड़ देने की घटना ने वन प्रशासन की खूब किरकिरी कराई थी. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप के.आर. ने पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई 'स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर' (SOP) जारी की है.
क्या हुआ था?
हाल ही में, रणथंभौर में शाम की सफारी के दौरान एक कैंटर खराब हो गया, जिससे उसमें सवार लगभग 20 पर्यटक, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जंगल में फंस गए. इस दौरान, गाइड और ड्राइवर पर्यटकों को अकेला छोड़कर भाग गए, जिससे वे डर गए.किसी तरह वे मदद मिलने पर बाहर निकल पाए। इस घटना के बाद, वन प्रशासन पर सवाल उठने लगे थे.
वाहन खराब होने पर अकेली नहीं छोड़ सकेंगे
सीसीएफ की ओर से जारी एसओपी आदेश के अनुसार, अब रणथंभौर में सफारी के दौरान पर्यटक वाहन खराब होने या अन्य किसी कारण से गाइड और चालक पर्यटकों को अकेला नहीं छोड़ सकेंगे. वाहन खराब होने या खराब होने की स्थिति में गाइड और चालक को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. इसे लेकर सीसीएफ ने आदेश में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
आस-पास के वाहनों को सूचना देना
खराब हुए वाहन का गाइड और चालक तुरंत आसपास मौजूद अन्य पर्यटक वाहनों के गाइड और चालकों को सूचित करेंगे. वे नजदीकी चेक पोस्ट या वन विभाग की चौकी तक मदद पहुंचाने में सहयोग करेंगे.
विशेष परिस्थितियों में एक व्यक्ति जाएगा
अगर खराब हुए वाहन के आसपास कोई दूसरा वाहन नहीं है, तो विशेष परिस्थितियों में गाइड या चालक में से कोई एक नजदीकी चौकी या नाके तक जाएगा और वायरलेस के जरिए उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी देगा.
सख्त कार्रवाई का प्रावधान
सीसीएफ ने साफ कर दिया है कि अगर कोई गाइड या चालक नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके साथ-साथ वाहन मालिक के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.सीसीएफ ने वन अधिकारियों को इसकी निरंतर मॉनिटरिंग के आदेश दिए है.
दो से तीन महीनों तक के लिए किया जा सकता है निलंबित
वहीं सीसीएफ की तरफ से जारी SOP में फिलहाल यह नहीं बताया गया कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर किस तरह की कार्रवाई का प्रावधान है. लेकिन स्थानीय रिपोर्टर से मिली जानकारी से सामने आया है कि यदि कोई भी गाइड-ड्राइवर इन नियमों को उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसे तकरीबन दो से तीन महीनों तक के लिए निलंबित क दिया जाता है.
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