Ranthambore National park: राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क में कुछ दिन पहले एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी, जिसमें एक व्यक्ति की लापरवाही हादसे को न्यौता देती नजर आ रही थी. दरअसल, रील बनाते समय वह पार्क के पाइप में बैठे बाघ के बच्चों के बेहद करीब जाकर फोटो खींची और रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. इसके बाद अब वन विभाग ने इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है.
पाइप में घुसकर शावकों को छूने की थी कोशिश
पार्क अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सवाई माधोपुर के पास फलौदी रेंज के देवपुरा बांध क्षेत्र में हुई, जहां बाघिन टी-2302 ने एक पाइप के अंदर तीन शावकों को जन्म दिया हुआ है. बीते दिन एक अज्ञात व्यक्ति ने अपनी जान जोखिम में डालकर और वन विभाग के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाइप में घुसकर शावकों को छूने की कोशिश की . उसने यह पूरा नजारा अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर फेमस होने के चक्कर में इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.
अज्ञात शख्स पर दर्ज की एफआईआर
वही मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को यह वीडियो उनके सामने आया है, जिसके बाद से उन्होंने तुरंत इस पर कार्रवाई की है. उन्होंने अज्ञात शख्स के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओ के तहत मामला दर्ज किया गया .
अब तक नहीं हो पाई व्यक्ति की पहचान
मामले को लेकर रणथंभौर प्रभागीय वनाधिकारी रामानंद भाकर ने पुष्टि की है कि फिलहाल विभाग लगातार व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रहा है. साथ ही यह भी जानने की कोशिश कर रहा है कि वह इतने संवेदनशील इलाके में कैसे पहुंचा. हालांकि वीडियो के जरिए अभी तक व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है.
वन विभाग के सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
वन्यजीव संरक्षणवादियों ने इस घटना को पार्क की सुरक्षा और प्रबंधन में "गंभीर चूक" बताया था.उन्होंने वन विभाग की सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति पूरी तरह से संरक्षित बाघों के आवास में अकेला कैसे घुस सकता है. इसके अलावा उन्होंने यह भी पूछा कि यदि वन विभाग को शावकों की उपस्थिति की जानकारी थी, तो उस जगह निगरानी बढ़ाने और कैमरा ट्रैप लगाने जैसी बेसिक प्रक्रियाएं क्यों नहीं की गई. इस पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) को कड़ा संज्ञान लेना चाहिए .साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके दिशानिर्देशों का ठीक से पालन हो. क्योंकि रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 80 बाघ हैं.
एक महीने में दो लोग बन चुके है बाघों का निवाला
गौरतलब है कि पिछले एक महीने में इस अभ्यारण्य के भीतर अलग-अलग घटनाओं में एक वन रेंजर और एक सात वर्षीय बच्चे की जान चली गई है. इसके अलावा, ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब बाघों ने अपने क्षेत्र में घुसने वाले व्यक्तियों पर हमला किया है.
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