रणथम्भौर में मां के सामने 2 महीने की बच्ची को जबड़े में दबा ले गया जरख, बेबस मां कुछ नहीं कर पाई 

Rajasthan: मां बच्ची को दूध पिलाने के बाद चारपाई पर सुलाकर खेत में काम करने लगी. जरख आया और बच्ची को जबड़े में दबा ले गया. 

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Sawai Madhopur News:  सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क के पास टापरा गांव में जरख दो साल की बच्ची पर हमला कर दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. रणथंभौर नेशनल पार्क की बालेर रेंज से सटा नोराडा के टापरा गांव है. गांव के पास खेत पर किसान मिर्ची की गुड़ाई कर रहे थे. छप्पर में खाट पर सो रही एक दो महीने की बच्ची को जरख ( वन्यजीव ) उठाकर ले गया. परिजन शोर मचाते हुए पथराव कर दिया.  करीब डेढ़ सौ मीटर दूर बच्ची को जरख के मुंह से छोड़कर भाग गया. परिजन घायल दो महीने की बच्ची तनिष्का को लेकर खंडार अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.

वनकर्मियों ने पंजे के निशान लिए 

सूचना पर वनकर्मी मौके पर पहुंचकर जरख के पंजे के निशान लिए. मामले में वन विभाग के अधिकारी वन्यजीव जरख के बजाय किसी कुत्ते के हमला करने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. वन विभाग के अनुसार, सत्यनारायण बैरवा की दो महीने की बेटी तनिष्का थी. तनिष्का के पिता रूपनारायण और ताऊ महेश बैरवा ने बताया कि वे खेत में मिर्च की फसल की निराई-गुड़ाई कर रहे थे.

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छप्पर में खाट पर सो रही थी तनिष्का 

पास में ही बने एक छप्पर में तनिष्का को खाट पर सो रही थी. तनिष्का के रोने की आवाज सुनकर उसकी मां चंद्रकला  दूध पिलाने के लिए छप्पर में गई. दूध पिलाते ही बच्ची चुप हो गई. मां खेत में वापस काम करने चली गई. तनिष्का का पिता पानी पीने के लिए छप्पर में गया. वह जैसे ही पानी पीकर वापस खेत में जाने लगा तो एक जरख ने अचानक उसकी मासूम दो माह की बेटी तनिष्का पर हमला बोल दिया. जबड़े में दबाकर भागने लगा. 

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जरख बच्ची को जबड़े में दबाकर भाग गया 

पिता के शोर मचाने पर लोगों ने जरख का पीछा किया. बच्ची को छुड़ाने के लिए लोगों ने जरख पर पथराव भी कर दिया. इस दौरान करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर जरख बच्ची को छोड़कर भाग गया. बच्ची पूरी तरह से जरख के हमले में घायल हो चुकी थी. परिजन बच्ची को लेकर खंडार अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे अमृत घोषित कर दिया.

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ग्रामीणों ने जताया रोष 

इस संबंध में वनपाल से कई बार मौके पर आने की बात कहने के बाद भी वनपाल और अन्य अधिकारी अभी तक गांव नहीं पहुंचे, इससे ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर और सीसीएफ से मामले की जांच कर उचित मुआवजा दिलाने और मामले की अनदेखी करने वाले वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

वनपाल बोले-जरख नहीं, कुत्ता बच्ची को उठाकर ले गया 

रणथंबोर के सहायक वन संरक्षक अरुण शर्मा का कहना है कि उन्हें ये मामला पता नहीं है. बालेर रेंज वनपाल ने उच्च अधिकारियों को अब तक मामले से अवगत नहीं करवाया. यह उनकी अनदेखी को दर्शाता है. पता करके मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी. बालेर रेंज वनपाल चौथमल का कहना है कि बच्ची पर जरख ने नहीं बल्कि, सोई हुई बच्ची को कुत्ता उठाकर ले गया था. मौके पर पहुंचे वनकर्मियों को वन्य जीव के पंजे के निशान नहीं मिले थे. परिजन का आरोप निराधार है.

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