Rajasthan: रणथंभौर में बाघ‍िन RBT-135 ने दो शावकों को द‍िया जन्‍म, कैमरे में हुए ट्रैप 

Rajasthan: रणथंभौर टाइगर रिज़र्व-द्वितीय (करौली) में बाघों की संख्या एक वर्ष में दोगुनी हुई है. वन्यजीव संरक्षण में ये अहम उपलब्धि है. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
रणथंभौर में दो शावक कैमरे में कैद हुए.

Rajasthan: रथथंभौर टाइगर र‍िजर्व-द्वितीय में संकेत मिले हैं कि बाघिन RBT-135 ने एक बार फिर शावकों को जन्म दिया है. फील्ड ट्रैकिंग एवं कैमरा निगरानी के अनुसार, 16 मई 2025 को एक नए शावक कैमरों में ट्रैप हुआ. इसके बाद 29 मई 2025 को एक और शावक की तस्वीर स्पष्ट रूप से कैमरों में प्राप्त हुई है. यह जानकारी ना केवल रणथंभौर टाइगर रिज़र्व-द्वितीय की प्रजनन सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि यहां का पर्यावरण बाघों के संरक्षण और वृद्धि के लिए अनुकूल बना हुआ है. वर्ष 2024 से 2025 के बीच रिज़र्व में बाघों की कुल संख्या 5 से बढ़कर 10 हो गई है, जो वन विभाग और संरक्षण कार्यों की एक बड़ी उपलब्धि है. 

बाघिन RBT-135 को 2022 से क‍िया जा रहा ट्रैक   

रणथंभौर टाइगर रिजर्व-द्वितीय (RTR-II, करौली) के तहत आने वाली रेंज नैनियाकी वन्यजीवों के संरक्षण की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है. इस क्षेत्र में बाघिन RBT-135 का मूवमेंट जून-जुलाई 2022 से लगातार दर्ज किया जा रहा है. सितंबर 2023 में इस बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया था, जिनका ट्रैप कैमरों में पहली बार 15 अक्टूबर 2023 को कैप्‍चर हुआ.

Advertisement

बाघिन RBT-135 ने एक बार फिर शावकों को जन्म दिया है.

नर और मादा शाव कर रहे व‍िचरण 

ये शावक नर RBT-2503 और मादा RBT-2502 अब अलग-अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं. जहां RBT-2503 रेंज नैनियाकी में नियमित रूप से देखा जा रहा है, वहीं RBT-2502 का मूवमेंट रणथंभौर टाइगर रिज़र्व-प्रथम के तालेरा रेंज में दर्ज किया गया है. 

Advertisement

नर बाघ RBT-80 नए शवकों का हो सकता है प‍िता   

रेंज नैनियाकी क्षेत्र में नर बाघ RBT-80 का मूवमेंट भी नियमित रूप से दर्ज हो रहा है. इस आधार पर नए शावकों का संभावित पिता RBT-80 से जोड़ा जा रहा है. यह घटनाक्रम इस बात का प्रमाण है कि रिजर्व में बाघों का प्राकृतिक प्रजनन सफलतापूर्वक हो रहा है.  वन विभाग की टीमें निरंतर फील्ड निगरानी, ट्रैप कैमरा विश्लेषण और सुरक्षा गतिविधियों में जुटी हैं, ताकि इस संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्र में शावकों की सुरक्षा, विकास और जैव विविधता को बनाए रखा जा सके. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: सीकर में रातभर वन कर्मचारी वन्‍य जीवों की करते हैं ग‍िनती, द‍िखा पैंथर और दहाड़ सुनाई दी

Topics mentioned in this article