RAS परीक्षा स्थगित करने को लेकर पूर्व CM गहलोत से मिले अभ्यर्थी, भाजपा पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

राजस्थान RAS परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन तेज हो गया है. सत्ताधारी दल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी अब  पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले हैं. 

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RAS परीक्षा को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत से मिले अभ्यर्थी.

Rajasthan RAS Exam: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की RAS परीक्षा को लेकर पिछले कई दिनों से हंगामा मचा हुआ है. अभ्यर्थी इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है, क्योंकि अभ्यर्थियों ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है और सत्ताधारी दल पर वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है.

अभ्यर्थियों का टूटा भरोसा

पिछले कई दिनों से अभ्यर्थी RAS परीक्षा की तारीख को टालने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब वे अनशन पर थे, तब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर विचार होगा और परीक्षा की तारीख पर दोबारा चर्चा की जाएगी.

लेकिन RPSC ने जब परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया, तो अभ्यर्थियों का गुस्सा भड़क गया. उनका कहना है कि राठौड़ ने जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ. अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी उनके अनशन के दौरान समर्थन का वचन दिया था, लेकिन वह सिर्फ दिखावा साबित हुआ.

अशोक गहलोत से मिले अभ्यर्थी

अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की. उन्होंने गहलोत को बताया कि सत्ताधारी दल उनकी मांगों को सरकार तक नहीं पहुंचा पाया.

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गहलोत ने अभ्यर्थियों की बात ध्यान से सुनी और कहा कि अगर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ही अपनी सरकार को नहीं समझा पाए, तो विपक्ष की आवाज कौन सुनेगा? उन्होंने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया कि वे इस मुद्दे को लगातार उठाएंगे.

हाईकोर्ट का रुख करेंगे अभ्यर्थी

सत्ताधारी दल से निराश हो चुके अभ्यर्थियों ने अब राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. उनका कहना है कि अब उन्हें सरकार से कोई उम्मीद नहीं बची है. वे अपनी मांगों को लेकर कानूनी रास्ता अपनाएंगे और न्याय की उम्मीद करेंगे.

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जानें क्या होगा अगला कदम

RAS परीक्षा को लेकर चल रहा यह विवाद अब और गहराता जा रहा है. अभ्यर्थियों का आंदोलन और हाईकोर्ट जाने की तैयारी से सरकार पर दबाव बढ़ सकता है.

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