RCA Election: राजस्थान की सियासी पिच (Rajasthan Assembly Election 2023) से अशोक गहलोत (Ashol Gehlot) को आउट करने के बाद अब बारी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) की है. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष इस समय पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) हैं. लेकिन राज्य की सत्ता जाने के बाद अब वैभव गहलोत को आरसीए से आउट करने की तैयारी शुरू हो गई है. दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम राठौर की एंट्री क्रिकेट संघ में हो गई है. चूरू जिला क्रिकेट संघ (Churu Cricket Association) के चुनाव में पराक्रम राठौर ने बाजी मारते हुए जीत हासिल की है. पराक्रम राठौर की क्रिकेट संघ में एंट्री के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी में दबदबे के लिए जोर आजमाइश शुरू होने की बात कही जा रही है.
दरअसल राजस्थान में बीजेपी सरकार के गठन के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में जिला संघ सक्रिय हो गया है. राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह ने चूरू जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत पर निशाना साधा हैं.
पराक्रम राठौर ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में क्रिकेट जिस मुकाम पर होना चाहिए था, वहां नहीं पहुंच पाया है. लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं, लेकिन बावजूद इसके राजस्थान के क्रिकेट में उदासीनता का माहौल है. खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिल रहा है.
मौका मिला तो जरूर चुनाव लडूंगाः राजेंद्र राठौड़
भविष्य में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के सवाल पर पराक्रम ने कहा- राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को लेकर सब कुछ भविष्य के गर्भ में छिपा है. उन्होंने कहा कि जिला संघों की आम सहमति के बाद अगर मुझे चुनाव लड़ने का मौका मिला तो जरूर से चुनाव लडूंगा, लेकिन किस पद पर चुनाव लडूंगा यह अभी कहना थोड़ी प्री-मेच्योर बात होगी. जब भी चुनाव की घोषणा होगी तब इस पर सर्वसम्मति से फैसला किया जाएगा. पराक्रम राठौर के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि आने वाले समय में आरसीए अध्यक्ष के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र बनाम पूर्व नेता प्रतिपक्ष के पुत्र के बीच मुकाबला हो सकता है.
खिलाड़ियों को हर सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकताः पराक्रम
पराक्रम सिंह ने कहा कि चूरू क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता वहां के खिलाड़ियों को हर सुविधा उपलब्ध कराना है. इसके लिए सबसे पहले मैं वहां क्रिकेट ग्राउंड की व्यवस्था करूंगा, क्योंकि अब तक चूरू में क्रिकेट ग्राउंड नहीं है. इसकी वजह से वहां के खिलाड़ियों को झुंझनं खेलने जाना पड़ता है.
पराक्रम ने आगे कहा कि चूरू में किकेट ग्राउंड के लिए मैंने जिला कलेक्टर से बातचीत कर खाली जमीन की तलाश भी शुरू कर दी है. अगले 14 दिनों में जमीन की तलाश शुरू कर जल्द से जल्द वहा ग्राउंड का निर्माण शुरू कर किया जाएगा और इसी साल चूरू के खिलाड़ियों को क्रिकेट ग्राउंड उपलब्ध कराया जाएगा.
अभी चुनाव में लग सकता है लंबा समय
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव कब होंगे, इस सवाल पर पराक्रम ने कहा कि- राजस्थान समेत देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर जल्द ही आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में लोकसभा चुनाव के बीच राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव होना कितना संभव है. इसकी मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है. जहां तक मेरी जानकारी है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के लिए भी नोटिफिकेशन जारी होता है. उसके बाद नॉमिनेशन, वोटर लिस्ट जैसी तमाम प्रक्रया होती है, जिनमें काफी वक्त लगता है. इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से वही लोग समझते हैं, जो चुनाव करवाने वाले हैं.
बता दें कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह मंगलवार को चूरू क्रकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए हैं. इसके बाद से ही प्रदेशभर की डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में पराक्रम के राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की बॉडी में आने की चर्चा शुरू हो गई है.
आरसीए और सरकार के बीच एमओयू समाप्त
हालांकि अब तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर चुनाव का ऐलान तो नहीं हुआ है, लेकिन राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) और राज्य सरकार के बीच 22 फरवरी 2019 को हुआ एमओयू बुधवार को खत्म हो जाएगा. यह करार 21 फरवरी 2024 तक के लिए हुआ था. हालांकि आरसीए इस संबंध में 15 दिन पहले ही क्रीड़ा परिषद को पत्र भेजकर आग्रह कर चुका है कि एमओयू को आगे बढ़ाते हुए इसे निरंतर रखा जाए. क्रीड़ा परिषद ने इसे आगे खेल विभाग को भेज भी दिया लेकिन खेल विभाग की ओर से फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं मिला है.
नागौर से मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे की एंट्री
सूत्रों की मानें तो फिलहाल आरसीए से एमओयू बढ़ाने की बजाय क्रीडा परिषद की कार्यकारिणी को भंग करने की तैयारी की जा रही है. दो बड़े नेताओं के पुत्र अलग-अलग जिलों से जिला खेल संघों में अध्यक्ष भी निवाचित हो चुके हैं. इनमें नागौर से कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर और चूरू से पराक्रम सिंह राठौड़ की एंट्री हुई है. अब राज्य सरकार शीघ्र ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में एडहॉक कमेटी बैठाकर फिर से चुनाव करा सकती है. फिर इन दोनों को बड़ा जिम्मा मिलने की अटकलें हैं.
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