आरसीए में फिर बगावत, कन्वीनर डीडी कुमावत के सभी फैसले रद्द करने का प्रस्ताव

कमेटी के चारों सदस्यों ने आरोप लगाया है कि कन्वीनर एकतरफा फैसले ले रहे हैं. उन्होंने आरसीए में नियुक्त लोकपाल सीनियर चयन समिति और वर्तमान टीमों को अमान्य घोषित करने का प्रस्ताव रखा है.

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आरसीए. (फाइल फोटो)

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में पिछले 18 महीनों से चला आ रहा घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. एडहॉक कमेटी में एक बार फिर बगावत हो गई है. कमेटी के सदस्यों धनंजय खींवसर, आशीष तिवाड़ी, मोहित यादव और पिंकेश जैन ने कन्वीनर डीडी कुमावत के सभी फैसलों को रद्द करने का प्रस्ताव रखा है. पिछली बार भी धनंजय खींवसर ने तत्कालीन अध्यक्ष जयदीप बिहानी के खिलाफ मोर्चा खोला था. लेकिन इस बार उनके निशाने पर डीडी कुमावत हैं.

"चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं"

सदस्यों ने डीडी कुमावत की गठित सीनियर चयन समिति के फैसलों पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही. इसके निरस्तीकरण का प्रस्ताव रखा गया है. डीडी कुमावत ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी चयन समितियों का गठन सदस्यों की सहमति से हुआ था. सीनियर खिलाड़ियों से चर्चा के बाद ही यह निर्णय लिया गया. चयन समिति स्वतंत्र है और मैं किसी दबाव में काम नहीं करूंगा.

बिना चर्चा के ही लोकपाल की नियुक्ति 

कमेटी ने कहा कि आरसीए के लोकपाल की नियुक्ति कन्वीनर ने बिना अन्य सदस्यों से चर्चा किए ही कर दिया, जो एकतरफा फैसला है. इसे रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस पर डीडी कुमावत का कहना है कि जनरल बॉडी के एजेंडा नंबर-3 में मुझे स्वतंत्र रूप से लोकपाल नियुक्त करने का अधिकार दिया गया था इसलिए यह निर्णय नियमों के तहत है.

मिराज स्टेडियम से अनुबंध को भी अनुचित बताया 

कमेटी ने नाथद्वारा में मिराज स्टेडियम के साथ किए गए अनुबंध को भी अनुचित बताया है. उनका कहना है कि भविष्य में मैच एसएमएस स्टेडियम, केएल सैनी स्टेडियम और बरकतुल्ला खां स्टेडियम में कराए जाएं. डीडी कुमावत ने कहा कि जैसे हम एसएमएस स्टेडियम और आरसीए एकेडमी को किराया देते हैं, वैसे ही मिराज स्टेडियम को भी किराया दिया जाता है. मैच कराने का निर्णय सभी सदस्यों की सहमति से लिया गया था.

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चारों सदस्यों ने आरसीए को लिखित में सूचित किया है कि अब आगे से क्रिकेट संचालन के फैसले कमेटी के बहुमत से लिए जाएंगे. कन्वीनर के एकतरफा निर्णयों के आधार पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होगी.

6 बार बढ़ाया जा चुका है कार्यकाल 

आरसीए की यह तदर्थ समिति डेढ़ साल से काम कर रही है. इस अवधि में छह बार इसका कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है लेकिन अब तक चुनाव नहीं कराए जा सके हैं. इसकी वजह अध्यक्ष पद पर कई वरिष्ठ राजनेताओं की इस पद पर नज़र है. 28 जून को नई एडहॉक कमेटी का गठन हुआ था जिसमें डीडी कुमावत को कन्वीनर बनाया गया था. सितंबर में इसका कार्यकाल तीन महीने के लिए और बढ़ाया गया.

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नागपुर और रांची में चल रहा मैच 

बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट सीजन की शुरुआत हो चुकी है. महिला सीनियर टी20 और अंडर-19 टीमों के मैच नागपुर और रांची में चल रहे हैं. रणजी ट्रॉफी 15 अक्टूबर से और अंडर-23 मैच 16 अक्टूबर से शुरू होंगे. आरसीए में जारी इस विवाद का असर टीमों की तैयारियों और प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है.

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