Rajasthan: कोटा के एमबीएस अस्पताल में मृत बच्चे की आत्मा लेने पहुंचे परिजन, पुलिस ने अंदर जाने से रोका

Kota News: 4 साल बाद बूंदी से आत्मा लेने कोटा आए मृतक के परिजनों ने पहले एमबीएस अस्पताल के गेट पर पूजा की और फिर अंदर एंट्री की कोशिश की. लेकिन पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने मिलकर उन्हें रोक दिया और फिर वापस रवाना कर दिया.

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कोटा का एबीएस अस्पताल.

Rajasthan News: राजस्थान के कोटा शहर से मंगलवार को अंधविश्वास की पराकाष्ठा का एक ऐसा मामला सामने आया, जिसके बारे में जानकर सब हैरान रह गए. दरअसल, एमबीएस अस्पताल में 4 साल पहले इलाज के दौरान जिस बच्चे की मौत हो गई थी, आज सुबह उसकी आत्मा लेने के लिए परिजन बूंदी से आ पहुंचे. हालांकि अस्पताल में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी और कुछ देर के विरोध के बाद उन्हें वापस रवाना कर दिया गया.

अस्पताल पर गेट पर पूजा, जबरन एंट्री की कोशिश

NDTV को मिली जानकारी के मुताबिक, बूंदी की डापटा पंचायत के झाडगंज गांव से मृतक मनराज की आत्मा लेने आए करीब 24 लोगों ने पहले एमबीएस अस्पताल के गेट पर पूजा की थी. इनमें महिलाएं भी शामिल थीं. पूजा के दौरान एक महिला के शरीर में देवी-देवता भी आने लगे. जब उस महिला के साथ सभी लोग अस्पताल में प्रवेश करने लगे तो अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों व पुलिस चौकी के जवानों ने उन्हें वहीं रोक दिया. बाद में आत्मा लेने आए लोग जब जबरन भीतर प्रवेश करने लगे तो पुलिस ने 3 लोगों को नयापुरा थाने भेजकर समझाइश की.

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कोटा के एमबीएस अस्पताल में एंट्री के लिए गुजारिश करती हुईं महिलाएं.
Photo Credit: NDTV Reporter

बूंदी जिले से ही अधिकांश लोग आत्मा लेने पहुंचते है

अस्पताल परिसर में इससे पहले भी कई बूंदी जिले के ग्रामीण इलाकों से आत्मा लेने के लिए परिजन पहुंचते थे. लेकिन पुलिस द्वारा उनको धार्मिक अनुष्ठान परिसर में नहीं करने दिए जाने के बाद लंबे वक्त के बाद आज फिर इस तरह का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि बूंदी जिले में ग्रामीण इलाकों में आज भी अंधविश्वास देखा जाता है. अस्पताल में इलाज के दौरान किसी की मौत हो जाने पर घर में कोई कार्य अटक जाने या अशांति हो जाने पर वहां के बाबाओ द्वारा परिजनों को कहा जाता है कि जिस शख्स की मौत अस्पताल में हुई थी उसकी आत्मा वही अटक गई है. उसकी आत्मा को लाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान करवाना जरूरी है. इसी अंधविश्वास के चलते कई बार परिजन अस्पताल परिसर में धार्मिक अनुष्ठान करने पहुंचते हैं.

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