साइबर ठगों के निशाने पर राजस्थान के रिटायर्ड कर्मचारी, सेवानिवृत्त इंजीनियर और शिक्षक को लगाया ढाई करोड़ का चूना

राजस्थान में रिटायर्ड कर्मचारियों को साइबर ठग एक के बाद निशाना बना रहे हैं. जिनसे करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है.

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राजस्थान में साइबर फ्रॉड

Rajasthan Cyber Thug: राजस्थान में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर ठग अलग-अलग तरीके अपना कर लोगों से ठगी कर रहे हैं. खास बात यह है कि साइबर ठग राजस्थान के रिटायर्ड कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं. इसमें डिजिटल अरेस्ट और शेयर मार्केट में मुनाफा का भरोसा देकर लोगों को फंसाया जा रहा है. राजस्थान में दो ताजे मामले सामने आए हैं. जिसमें सेवानिवृत्त इंजीनियर और शिक्षक को निशाना बनाकर करीब ढाई करोड़ रुपये की ठगी की गई है. जबकि पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें रिटायर्ड कर्मचारियों से ठगी की जा चुकी है.

हनुमानगढ़ में रिटार्यड इंजीनियर से 1.47 करोड़ की ठगी

राजस्थान के हनुमानगढ़ में 75 साल के रिटायर्ड इंजीनियर ओमप्रकाश को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धोखा दिया गया. पीड़ित ओमप्रकाश को ED और CBI अधिकारी बनकर वीडियो कॉल किया गया. जिसमें कहा गया कि मुंबई में एक मामले में आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज है कि जेट एयरवेज के नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप का नाम शामिल है इसलिए आप का अरेस्ट वारंट दिया जा रहा है. यह सुनते ही ओमप्रकाश डर गए. उन्हें बैंक अकाउंट और अन्य डिजिटल बैकिंग को फ्रीज करने की धमकी दी गई. ED और CBI अफसर बनकर ओमप्रकाश को 8 दिन तक लूटा गया. जबकि डरे ओमप्रकाश ने अपनी FD तोड़कर धीरे-धीरे आरोपियों को 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिये. अब इस मामले में पुलिस जांच में जुटी है.

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अलवर में रिटायर्ड शिक्षक से 93 लाख रुपये की ठगी

वहीं अलवर में भी एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड शिक्षक धर्मवीर यादव से स्कूल के प्रिंसिपल ने ही 93 लाख रुपये की ठगी की. शिक्षक को शेयर मार्केट में ज्यादा मुनाफा का लालच दिया गया, जिसके बाद प्रिंसिपल अशोक कुमार यादव ने शिक्षक के बेटे-बेटी के नाम पर डीमैट अकाउंट खुलवाया. जबकि OTP लेकर अकाउंट से रकम निकाली गई. वहीं पैसे निकालने के बाद आरोपी ने शिक्षक से पैसे डूब जाने की बात कही. जब मामला पुलिस को बताया गया तो फौरन आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया.

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इन घटनाओं से साफ है कि राजस्थान के रिटायर्ड कर्मचारियों को साइबर ठग निशाना बना रहे हैं. चूकि रिटायर्ड कर्मचारियों को डिजिटल जानकारियां कम होती है ऐसे में उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा रहा है.

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