RGHS Scam: राजस्थान में राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS Scheme) में बड़ा घोटाला चल रहा है. पहले भी इसके खिलाफ कार्रवाई की गई है. लेकिन एक बार फिर चिकित्सा विभाग ने सख्त कदम उठाया है. सरकार की ओर से पहले ही योजना में अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे. इसके बाद चिकित्सा विभाग ने योजना में विभिन्न अनियमितताओं को देखते हुए 5 डॉक्टर समेत 9 कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इसके तहत 2 आयुर्वेद और 3 एलोपैथी डॉक्टर निलंबित किये गए हैं. जबकि 4 अन्य कर्मियों को निलंबित किया गया है. साथ ही एक प्राइवेट अस्पताल, एक मिडिकल स्टोर, तीन डॉक्टरों और एक कार्डधारी के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि काफी समय से राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम में विभिन्न हित धारकों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अनियमितता करने की शिकायतें सामने आ रही थीं. इन शिकायतों की गहनता के साथ जांच की गई. जांच के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए 9 कार्मिकों को निलंबित किया गया है, इनमें दो आयुर्वेद चिकित्सक सहित 5 डॉक्टर शामिल हैं.
कौन-कौन से 9 कर्मी हुए हैं निलंबित
राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजी लाल अटल ने बताया कि कार्रवाई के क्रम में आरजीएचएस में अनियमितता पर राजकीय आयुर्वेद डीबी सामान्य चिकित्सालय चूरू की आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. कविता धनखड़ एवं डॉ. पवन जांगिड़, सीएचसी बीबरानी, खैरथल-तिजारा की चिकित्सक डॉ. मनीषा, जिला चिकित्सालय अलवर के डॉ. नरसीलाल पचौरी, टीबीसी अलवर के डॉ. कपिल भारद्वाज, राजकीय आयुर्वेद औषधालय, नाहरी का नाका के कम्पाउण्डर मदन मोहन पाण्डे, आयुर्वेद औषधालय बालेटा अलवर के कम्पाउण्डर चंद्रशेखर जाटव, कार्यालय उप निदेशक आयुर्वेद विभाग जयपुर के परिचारक मोहसिन खान तथा जल संसाधन विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी महेश कुमार महावर को निलंबित किया गया है.
एक ही कार्ड पर OPD में 26 लाख का इलाज
इसी प्रकार राजस्थान पेंशनर्स एसोसिएशन मेडिकल स्टोर, कम्पनी बाग रोड, अलवर, मित्तल हॉस्पिटल, चिकित्सकों एवं कार्ड धारी कार्मिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. प्रकरण में कार्मिक, चिकित्सकों एवं फार्मा स्टोर की मिलीभगत कर कूटरचित OPD पर्चा तैयार किया जाता था. दवा के स्थान पर फार्मा स्टोर से अन्य सामग्री ली जाती थी. इस कार्मिक के कार्ड से एक वर्ष में ही ओपीडी के जरिए करीब 26 लाख 70 हजार का उपचार एवं दवाएं आदि का लाभ लिया गया.
यह भी पढ़ेंः क्या जगदीप धनखड़ को नजरबंद रखा गया है? डोटसरा ने पूछा सवाल, कहा- अब भी इस्तीफा रहस्य बना हुआ है