Rajasthan RGHS Scam: अलवर में RGHS के घोटाले को लेकर जांच जारी है और इस मामले में चिकित्सक सहित मेडिकल दुकानदारों का घोटाला सामने आ रहा है. राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई. लेकिन यह योजना डॉक्टर, अस्पताल संचालक और मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन चुकी है. प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से राजस्थान स्वास्थ्य योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई. अलवर जिले के 11 डॉक्टर को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस दिए. इसमें से 8 डॉक्टर अलवर के राजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हैं.
मरीज मिल रहीं दवाईयों की फर्जी पर्चियां
इसकी जांच पड़ताल के लिए जब एनडीटीवी की टीम राजगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में पहुंची. तो इस योजना में जांच में आया कि बिना डॉक्टर के लिखे सरकारी अस्पताल की पर्ची पर मरीज को दवाई दी गई. इन पर्चियों में सभी पर एक जैसी राइटिंग थी. साथ ही 14 से 16 व 18 तरह की एक जैसी दवाई है. साथ ही 60 से 80 दिन की दवा एक बार में दी गई. इसमें दो से तीन तरह की एंटीबायोटिक की दवाएं, जोड़ों में दर्द, फंगस इंफेक्शन, हार्ट, किडनी, लीवर में कई महंगे इंजेक्शनों की दवाई शामिल है.
डॉक्टरों ने बताया पर्चियों पर उनकी राइटिंग नहीं
डॉक्टरों ने बताया उनकी जितनी भी पर्चियां जांच में सामने आई है. ज्यादातर पर्चियों पर उन्होंने दवाई नहीं लिखी. इसी तरह से डॉक्टर सत्य प्रकाश मीणा ने बताया की दवा पर्चियां पर उनकी राइटिंग नहीं है. उनके पास डुप्लीकेट पर्चियां की फोटो है. उन सभी उन सभी पर्चियां में एक जैसी राइटिंग है और उनकी फर्जी मोहर लगाकर मरीजों को दवाई दी गई है.
बीपी की रेटिंग तक गलत
इस संबंध में डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत दी है. साथ ही वह इस संबंध में पुलिस को भी सूचना देंगे. पर्चियां में बीपी की रेटिंग भी गलत लिखी गई है. डॉक्टर ने बताया कि वो डॉक्टर हैं डीपी की रेटिंग किस तरह लिखी जाती है यह उनको पता है. लेकिन लिखने वाले को इसके बारे में जानकारी नहीं थी.
इस संबंध में सीएमएचओ ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल चल रही है और जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. डॉक्टर के साथ मरीजों से भी पूछताछ की जा रही है. इस संबंध में जब दवा स्टोर संचालकों से बात की गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि उनके पास जो डॉक्टर की पर्ची आती है. वो केवल उस पर्ची के अनुसार दवाई देते हैं.
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