Rajasthan Politics: 4 विधायक और 1 सांसद... मात्र एक साल में कैसे ​​​​​​​राजस्थान की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनी BAP

Bhart Adivasi Party: भारत आदिवासी पार्टी की उत्पत्ति 2017 में गुजरात में छोटूभाई वसावा द्वारा स्थापित भारतीय ट्राइबल पार्टी से जुड़ी हुई है. राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर ने 2018 का विधानसभा चुनाव इसी पार्टी से जीत था. लेकिन उन्होंने सितंबर 2023 में इससे अलग होकर भारत आदिवासी पार्टी बना ली. 

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बांसवाड़ा में एक सभा को संबोधित करते नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार रोत.

Banswara Lok Sabha Seat 2024: राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने ‘दोहरी' जीत दर्ज कर सभी चौंका दिया है. बीएपी ने आम चुनाव में बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने के साथ ही राज्य की बागीदौरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी बाजी मार ली है. दोनों ही सीट पर परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिये गये थे. बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर बीएपी के राजकुमार रोत ने जीत दर्ज की है जिन्होंने राज्य के पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया को 2,47,054 मतों के अंतर से हराया. 

PM मोदी ने इसी सीट पर दिया था 'मंगलसूत्र' वाला बयान 

रोत चौरासी सीट से विधायक हैं. इस जीत के साथ बीएपी ने संसदीय राजनीति में कदम रखा है और यह आदिवासी मतदाताओं के बीच पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत है. बांसवाड़ा ही वह इलाका है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘‘अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति मुसलमानों में समान रूप से पुन:वितरित कर देगी.''

प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस टिप्पणी का हवाला दिया कि जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक' अल्पसंख्यक समुदाय का है. बीएपी ने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में तीन सीट जीतकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस जीत को क्षेत्रीय राजनीति को नयी दिशा देने की इसकी संभावनाओं का संकेत माना जाता है.

2023 में बनी थी BAP 

भारत आदिवासी पार्टी की उत्पत्ति 2017 में गुजरात में छोटूभाई वसावा द्वारा स्थापित भारतीय ट्राइबल पार्टी से जुड़ी हुई है. राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर ने 2018 का विधानसभा चुनाव इसी पार्टी से जीत था. लेकिन उन्होंने सितंबर 2023 में इससे अलग होकर भारत आदिवासी पार्टी बना ली. 

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तीन से चार हुए विधायक, अब एक सांसद भी बना 

दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने विधनसभा की तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. खुद राजकुमार रोत ने करीब 85 हजार वोटों से चौरासी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में बागीदौरा सीट जीतने के बाद उनके 4 विधायक हो गए हैं. दो सौ सीट वाली विधानसभा में फिलहाल भाजपा के 115, कांग्रेस के 69 और आठ निर्दलीय विधायक हैं. और रोत के सीट छोड़ने के बाद लगभग तय है कि इस सीट पर BAP ही जीतेगी. 

बीएपी के उम्मीदवार जयकृष्ण पटेल ने मंगलवार को ही बागीदौरा विधानसभा उपचुनाव में 51,434 मतों के महत्वपूर्ण अंतर से जीत दर्ज की है. निर्वाचन आयोग के अनुसार पटेल को 1,22,573 मत मिले, वहीं भाजपा के उम्मीदवार सुभाष तंबोलिया को 71,139 मत हासिल हुए. कांग्रेस ने इस सीट पर बीएपी का समर्थन किया था.

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मालवीय की विधायक की सीट भी गई, लोकसभा भी हारे 

बागीदौरा विधानसभा सीट कांग्रेस के विधायक महेंद्रजीत मालवीया द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के कारण खाली हुई थी. मालवीया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और बांसवाड़ा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा. वहां भी उन्हें बीएपी के उम्मीदवार रोत के हाथों हार का सामना करना पड़ा. राजनीतिक जानकारों के अनुसार आदिवासी बहुल इलाके के राजनीतिक पटल पर बीएपी का उदय राजस्थान के आदिवासी समुदायों की बढ़ती राजनीतिक आकांक्षाओं को दर्शाता है.

(भाषा के इनपुट के साथ) 

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