Rising Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राइजिंग राजस्थान को लेकर इन दिनों जर्मनी और यूके के दौरे पर हैं. इससे पहले वे दक्षिण कोरिया और जापान के दौरे पर भी गए थे. अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों के साथ बैठकें भी की हैं. मंत्रियों और अधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है. कोशिश है कि निवेशकों को आकर्षित किया जाए और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया जाए. इन सबके बीच अब सरकार शहरी व्यवस्थाओं को बेहतर करने पर विचार कर रही है.
जयपुर में आयोजित अर्बन सेक्टर प्री समिट में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हम जल्द ही द्रव्यवती को सुंदर बनाने के लिए प्रयास करेंगे. समिट के पहले सत्र के बाद वे मीडिया से बात कर रहे थे.
अर्बन प्लानिंग पर जोर देने का प्रयास
दरअसल राइजिंग राजस्थान के प्री सम्मिट में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर में अपने भाषण के दौरान अर्बन प्लानिंग पर जोर देने की बात की थी. उन्होंने कहा कि हमें अर्बन प्लानिंग को बेहतर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि द्रव्यवती के लिए हमने जैसा सोचा था, वैसा नहीं हो पाया. प्लानिंग थी कि इससे साफ पानी बहे, किनारे पर हरियाली हो. पाथवे हो, बेंचेज हों ताकि लोग यहां आकर बैठ पाएं, मनोरम दृश्य का आनंद ले सकें. लेकिन यह नहीं हुआ. हमारी इंप्लीमेंटिंग एजेंसी को सोचना होगा कि ऐसा क्यों नहीं हुआ. उन्होंने शहरों में जलजमाव पर भी चिंता जताई और इसे दूर करने को कहा.
ड्रेनेज और सिवरेज सिस्टम दुरुस्त होना जरूरी
पंत ने कहा कि इस बार राजस्थान में औसत से ज्यादा बारिश हुई तो शहरों में पानी भर गया. क्या सभी जिलों ने जगह चिन्हित किया? कहां ज्यादा पानी जमा हो रहा है, यह देखा? अगर हम अभी नहीं करेंगे तो 8 महीने बाद वापस ऐसी स्थिति बन जाएगी. इसलिए ड्रेनेज और सिवरेज सिस्टम दुरुस्त होना जरूरी है. अर्बन प्लानर्स को सोचना होगा. उन्होंने कहा कि लोग डेजर्ट या उदयपुर जैसी जगहों पर सेकेंड होम बनाना चाहते हैं. उसे टारगेट किया जा सकता है. इसमें संभावनाएं हैं.
उनके बयान से इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में शहरी व्यवस्था को दुरस्त किया जाएगा. ड्रेनेज और सिवरेज सिस्टम को सही किया जाएगा ताकि निवेशकों को शहरी व्यवस्था से शिकायत न रहे.
पिछले दिनों यूडीएच सचिव वैभव गालरिया ने भी द्रव्यवती नदी का निरीक्षण किया था. तब उन्होंने इसकी जल्द सफाई के निर्देश दिए थे. 1800 करोड़ रुपए की यह परियोजना फिलहाल गंदगी और मच्छरों का घर बन कर रह गई है. आसपास के लोग इससे परेशान रहते हैं. राइजिंग राजस्थान से उन्हें भी काफी उम्मीदें हैं.
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