Rising Rajasthan Tourism Pre-Summit: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को जयपुर स्थित होटल ललित में आयोजित राइजिंग राजस्थान पर्यटन प्री-समिट को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस समिट में पर्यटन क्षेत्र में 142 निवेश प्रस्तावों के MOU से प्रदेश में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे राज्य में 59 हजार प्रत्यक्ष और 10 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
शर्मा ने कहा कि हम राजस्थान को एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाना चाहते हैं. इसके लिए राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड का गठन कर राजस्थान टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कैपेसिटी बिल्डिंग फंड बनाकर पर्यटन क्षेत्र में 5 हजार करोड़ रुपये के काम करवाए जाएंगे. साथ ही, रिप्स-2024 में स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इन्सेंटिव हेतु पर्यटन के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई है.
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं
CM ने कहा कि राजस्थान एक विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र है, जिसे शांत, सुरक्षित एवं सौहार्द्रपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है. वर्ष 2023 में राज्य में करीब 18 करोड़ घरेलू और 17 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आए. पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए हवाई अड्डों का उन्नयन और विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जयपुर हवाई अड्डे में नए स्टेट टर्मिनल के निर्माण के साथ ही इसकी यात्री क्षमता भी बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. वेडिंग टूरिज्म में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है. साथ ही यहां धार्मिक पर्यटन भी तेजी से बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीव पर्यटन में राज्य के रणथंभौर और सरिस्का टाइगर अभ्यारण्य प्रसिद्ध हैं. हाल ही में जयपुर में नाहरगढ़ टाइगर सफारी की शुरुआत भी की गई है. साथ ही माही नदी के द्वीपों में द्वीप पर्यटन तथा जैसलमेर के खुड़ी में पर्यटकों को डेजर्ट सफारी की असीम संभावनाएं हैं. हमें ऐसे पर्यटन स्थलों पर उपयुक्त भूखंड चिह्नित कर होटल स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए. शर्मा ने कहा कि हमारा प्रदेश फिल्म शूटिंग के लिए भी उपयुक्त है. इन संभावनाओं को भुनाने के लिए काम करने की आवश्यकता है.
पर्यटन क्षेत्र में कम निवेश पर भी अधिक लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्ट्मेंट समिट के दिल्ली और मुंबई ‘इन्वेस्टर मीट' में 12.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के MOU पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं. जापान और कोरिया में भी हमें राजस्थान में निवेश को लेकर बहुत उत्साह देखने को मिला.
शर्मा ने कहा कि बिजली, पानी और सड़क किसी भी राज्य के विकास का मुख्य आधार होते हैं. इसलिए हमनें सरकार बनते ही इन तीनों क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया है. पूर्वी राजस्थान के लिए ERCP के साथ ही शेखावाटी के लिए यमुना जल समझौता और दक्षिण राजस्थान के जिलों के लिए देवास परियोजना का धरातल पर क्रियान्यवन किया जा रहा है.
साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य को आत्म निर्भर बनाने के लिए 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के MOU किए गए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली-पानी की पर्याप्त उपलब्धता से राज्य में कृषि, उद्योग एवं पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा.
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