RPSC : वरिष्ठ अध्यापक भर्ती में डमी अभ्यर्थी को बैठाने वाला आरोपी रामू राम गिरफ्तार, 12 लाख में तय हुआ था सौदा हुआ

Rajasthan News: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा सामाजिक विज्ञान माध्यमिक शिक्षा 2022 की परीक्षा में 12 लाख रुपए देकर अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी को बैठाने वाले मुख्य आरोपी रामू राम को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया.

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आरोपी रामू राम

Ajmer News: राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में आयोग इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों पर कड़ी नजर रख रहा है. इसी कड़ी में RPSC वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा सामाजिक विज्ञान माध्यमिक शिक्षा 2022 परीक्षा में 12 लाख रुपए देकर अपनी जगह डमी अभ्यर्थी को बैठाने वाले मुख्य आरोपी रामू राम को अजमेर सिविल लाइन पुलिस ने शुक्रवार को सांचौर जिले के भीनमाल से गिरफ्तार किया.जहां शनिवार को उसे अवकाशकालीन न्यायालय में पेश किया गया. यहां न्यायाधीश ने रामूराम को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया.

12 लाख में तय हुआ था सौदा हुआ

मामले की जानकारी देते हुए ASP योगेंद्र फौजदार ने बताया कि रामू और डमी कैंडिडेट के बीच 12 लाख रुपए में डील हुई थी. जिसमें 6 लाख पेपर देने के और 6 लाख ज्वाइनिंग के बाद देना तय हुआ था. इसके बाद 21 दिसंबर 2022 को डमी कैंडिडेट राजूराम ने असली कैंडिडेट रामूराम की जगह गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल अंबेडकर कॉलोनी हिरण मगरी उदयपुर में परीक्षा दी. लेकिन 30 जुलाई 2023 को पहले पेपर की परीक्षा जो किसी कारणवश रद्द हो गई थी, उसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुखेर उदयपुर में दिया. इन दोनों परीक्षाओं को देने से पहले राजूराम ने रामूराम से 6 लाख रुपए लिए थे. परीक्षा पास करने और जॉइनिंग के बाद 6 लाख रुपए देना तय हुआ था.

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 डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद सच्चाई आई सामने 

इस परीक्षा का पहला पेपर सामान्य ज्ञान एवं शैक्षिक मनोविज्ञान 21 दिसंबर 2022 को दो पारियों में आयोजित किया गया था. सामान्य ज्ञान एवं शैक्षिक मनोविज्ञान का पेपर आयोग ने किसी कारणवश रद्द कर दिया था. जिसे बाद में 30 जुलाई 2023 को आयोजित किया गया. परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की विचारित सूची बाद में आयोग ने जारी की थी. जिसके बाद आयोग के माध्यम से सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के दौरान ऑनलाइन आवेदन व मूल दस्तावेजों का सत्यापन किया गया. जिसमें राजूराम सहित 4 अभ्यर्थी फर्जी पाए गए.इनमें जगदीश कुमार, मुकेश कुमार, नरेंद्र कुमार के ऑनलाइन आवेदन व मूल दस्तावेजों में फोटो का मिलान ठीक से नहीं हो पाया. इसके चलते इनकी अनुशंसा रोक दी गई. बाद में जांच के बाद सामने आया कि इनके स्थान पर डमी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी.

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