RPSC: राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा संस्कृत असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया के बीच इंटरव्यू पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन हाई कोर्ट से RPSC को राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने संस्कृत शिक्षा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती-2024 में इंटरव्यू पर लगी रोक हटा दी है. कोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को पुराने नियमों के तहत ही भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति दी है. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यह पूरी प्रक्रिया याचिका के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी.
मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति चंद्रप्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने आरपीएससी द्वारा दायर स्टे वेकेशन एप्लिकेशन पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. इससे पहले कोर्ट ने 2 अप्रैल 2025 को इंटरव्यू पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इस रोक के कारण करीब 200 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटक गई थी.
क्या दायर की गई थी याचिका
भर्ती प्रक्रिया को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें कहा गया कि आरपीएससी ने परीक्षा के बाद भर्ती नियमों में बदलाव किया जो असंवैधानिक है. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील हरेंद्र नील ने बताया कि मूल विज्ञप्ति में यह प्रावधान था कि दोनों पेपर विषय और सामान्य ज्ञान में न्यूनतम 40% अंक लाने वाले अभ्यर्थी ही इंटरव्यू के लिए पात्र होंगे.
लेकिन बाद में 25 फरवरी 2025 को कार्मिक विभाग ने संशोधन कर न्यूनतम अंकों की सीमा 36% कर दी. इसके बाद आयोग ने इसी संशोधन के आधार पर नियमों में बदलाव कर दिया और इस भर्ती पर लागू कर दिया. इसी को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
RPSC की ओर से दलील
आरपीएससी की ओर से पेश हुए वकील मिर्जा फैसल बैग ने कोर्ट में दलील दी कि आयोग भर्ती प्रक्रिया को उसी नियम के तहत आगे बढ़ाएगा जो विज्ञप्ति के समय लागू था. कोर्ट ने इस दलील को स्वीकारते हुए इंटरव्यू प्रक्रिया से रोक हटाई और कहा कि आयोग पुराने नियमों के तहत ही प्रक्रिया पूरी करे.
कोर्ट के फैसला पर निर्भर अंतिम भर्ती प्रक्रिया
अब RPSC इंटरव्यू सहित बाकी प्रक्रिया को पुराने नियमों के आधार पर शुरू कर सकता है लेकिन पूरी भर्ती कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी. यानी यदि बाद में कोर्ट संशोधन को असंवैधानिक मानता है तो इसका असर चयनित अभ्यर्थियों पर पड़ सकता है. फिलहाल कोर्ट के इस आदेश से संस्कृत शिक्षा विभाग की 200 पदों पर रुकी भर्ती को रफ्तार मिलने की उम्मीद है.