ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए RPSC परीक्षा में नकल... महिला बनी फर्स्ट ग्रेड अधिकारी, 7 साल बाद SOG ने दबोचा

सरोज ने साल 2018 में LDC की परीक्षा में भी इसी तरह ब्लूटूथ से नकल की थी. इस फर्जी तरीके से वह फर्स्ट ग्रेड अधिकारी बन तो गई लेकिन 7 साल बाद...

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में ग्रेड-फर्स्ट पद पर कार्यरत महिला अधिकारी को SOG ने गिरफ्तार किया है. महिला अधिकारी ने 2018 में हुई परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के ज़रिए नकल की थी और आज वह सरकारी पद पर कार्यरत थी. जांच में सामने आया कि सरोज नामक महिला ने 2018 में ग्रेड-द्वितीय की परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल की थी, जिससे वह परीक्षा पास कर सरकारी नौकरी में आ गई और बाद में प्रमोशन पाकर ग्रेड-फर्स्ट अधिकारी बन गई. जब आयोग को इस घोटाले की गुप्त सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत SOG को सूचित किया. इसके बाद SOG की टीम ने सरोज से पूछताछ शुरू कर दी.

पूरे रैकेट का खुलासा

आयोग सचिव रामनिवास मेहता के अनुसार, बीकानेर जिले की नोखा तहसील के कुचौर अगुणी गांव की रहने वाली सरोज विश्नोई को गिरफ्तार किया गया है. सरोज ने साल 2018 में LDC की परीक्षा में भी इसी तरह ब्लूटूथ से नकल की थी. पूछताछ में सामने आया कि सरोज ने नकल कराने के लिए पोरव कालेर नामक व्यक्ति से संपर्क किया था. पोरव ने अपने साथियों दिनेश सिंह और राजू मैट्रिक्स के जरिए नरेश दान से पेपर हल करवाया और फिर ब्लूटूथ डिवाइस के ज़रिए सरोज को परीक्षा में सारे उत्तर बताए.

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नकल के बदले दी थी मोटी रकम

SOG की जांच में खुलासा हुआ कि सरोज ने इस पूरे नकल गिरोह को भारी रकम दी थी. इसी नकल के दम पर उसने न सिर्फ नौकरी हासिल की बल्कि सरकारी व्यवस्था की शुचिता को भी नुकसान पहुंचाया. SOG ने उसे RPSC कार्यालय से गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

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अब पूरे गिरोह पर जांच जारी

आयोग सचिव ने बताया कि SOG अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल है. साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या पोरव कालेर ने और परीक्षार्थियों को भी इसी तरह से नकल करवाई थी.

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