Russia Ukraine War: नौकरी के बदले रूसी आर्मी में किया शामिल, यूक्रेन से जंग के लिए भेजा; वीडियो भेज भारतीय युवा ने बताई पूरी कहानी

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में भारत के बेकसूर युवकों की जान फंस गई है. विदेश में मोटी सैलरी की नौकरी के लालच पर उन्हें रूस बुलाकर पुतिन की सेना में शामिल करवा दिया गया. जिसके बाद यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग में मोर्चे पर लगा दिया गया है. रूस में फंसे राजस्थान के एक युवक ने वीडियो भेज कर पूरी कहानी बताई है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नौकरी के बदले रूसी आर्मी में शामिल हो जख्मी हुआ डीडवाना का युवक नेमाराम. वीडियो भेज बताई कहानी.

Russia Ukraine War: बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा विदेश में अच्छी नौकरी और अच्छे पैसे कमाने के उद्देश्य से विदेश जाते हैं, लेकिन कई बार यह युवा धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे ही चार मामले डीडवाना में सामने आए हैं, जिनमें जॉब के लिए रुस गए चार युवकों को रूस-यूक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया. इन युवाओं को नौकरी देने की बजाय रूस की सेना में भर्ती कर लिया गया है. ऐसे में यह युवा अच्छे पैसे कमाना तो दूर, अपनी जान बचाने के लिए ही संघर्ष करने को मजबूर हैं.डीडवाना से रूस गया एक युवक नेमाराम तो इस युद्ध में गोली लगने से घायल भी हो चुका है, तो वहीं कई युवा अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

दूसरी ओर इन युवाओं के परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है. उन्होंने भारत सरकार से इन युवकों की सुरक्षित वापसी की मांग की है. साथ ही मौलासर पुलिस थाने में मामला भी दर्ज करवाया है.

राजस्थान के डीडवाना जिले के चार युवक रूस में फंसे

डीडवाना के रिक्शा का बास निवासी नेमाराम की पत्नी ने मौलासर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है, जिसमें उसने बताया कि महेंद्र नामक एजेंट ने उनके पति को रूस में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का झांसा देकर 25 जनवरी को रूस भेजा था. इसके लिए नेमाराम से 5 लाख रुपए भी लिए थे और प्रतिमाह 2 लाख रुपए का वेतन दिलाने की बात कही थी. लेकिन रूस पहुंचने के बाद उनके पति को रूसी सेना में शामिल कर युद्ध लड़ने भेज दिया गया. 

Advertisement

रूस में फंसे युवक की पत्नी ने पुलिस से की शिकायत

महिला ने बताया कि उनके पति का मोबाइल जब्त कर लिया गया है और उन्हें युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया है, जहां उनके हाथ और पैर में गोली लगने से वह घायल हो गए हैं. इसी प्रकार रूसी सेना में भर्ती कर लिए गए तीन अन्य युवक सुनील, जितेंद्र कुमार और रणजीत के परिजन भी मौलासर थाने पहुंचे और एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी कर उनके बच्चों को विदेश भेजने और उन्हें रूसी सेना में शामिल कर युद्ध में भेजने का मामला दर्ज करवाया है. इस मामले को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

Advertisement

डीडवाना के युवक ने वीडियो में बताया दर्द

रूसी आर्मी में शामिल होकर गोली खा चुके डीडवाना के युवक नेमाराम ने एक वीडियो भेजा है, जिसमे उसने अपनी आपबीती सुनाई है. वीडियो में नेमाराम ने कहा है कि....

Advertisement

मेरा नाम नेमाराम है. मेरे को महेंद्र बिजारनिया, मनोज बिश्नोई और विशाल ने कंप्यूटर ऑपरेटर के काम के लिए रूस भेजा था. मगर यहां कंप्यूटर ऑपरेटर का काम नहीं मिला और यहां मुझे रशियन आर्मी में ज्वाइन करवा दिया. यहां से ट्रेनिंग के बाद सीधे बॉर्डर पर भेज रहे हैं, जहां लड़ाई चल रही है और बम बरस रहे हैं और गोलीबारी हो रही है. मेरे भी एक हाथ और एक पैर पर गोली लगी है. मुझे 1 महीने हुए हैं ज्वाइन किए हुए. हम लोग यहां सब फंसे हुए हैं. सब यहां घायल है. किसी की गोलियां लगी है, तो कोई चोटिल हुए हैं  महेंद्र वगैरह ने हमको पहले कुछ जानकारी नहीं दी. यहां आने से पहले केवल कंप्यूटर ऑपरेटर काम का कहा था, मगर यहां आर्मी ज्वाइन करवा दिया. यहां लैंग्वेज भी दूसरी है. किसी को भाषा समझ में भी नहीं आती, ना एक दूसरे से संपर्क हो सकता है. एजेंट ने सबको बेवकूफ बनाकर यहां आर्मी ज्वाइन करवा दी. मेरे जैसे कई लोग हैं, जो यहां फंसे हुए हैं.


सरकार से लगाई गुहार

रूस में फंसे युवकों के परिजनों ने अपने बच्चों की सकुशल वापसी के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. कुछ ग्रामीण दिल्ली गए हैं, जहां वे विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिलकर युवकों को सकुशल वापस भारत लाने की मांग कर रहे हैं.  इससे पूर्व एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात कर चुका है.

एजेंटों ने दिया धोखा, जॉब का कहकर ज्वाइन करवा दी रूसी आर्मी

पीड़ित नेमाराम की पत्नी ने बताया कि मेरे पति को महेंद्र कुमार बिजानिया ने कंप्यूटर ऑपरेटर के काम के लिए रसिया भेजा था. वहां से 1 महीने तक मेरी उनसे बातचीत होती रही. फिर उनका फोन जब्त कर लिया गया. जिसके बाद से मेरे पति से हमारा कोई संपर्क नहीं हुआ. परसों शाम को मेरे टेलीग्राम नंबर पर मेरे पति का कॉल आया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें धोखाधड़ी से यूक्रेन युद्ध में शामिल कर लिया गया है.


अब हमारी मांग है कि मेरे पति को वापस सकुशल भारत लाया जाए और धोखाधड़ी करने वाले एजेंट पर कार्रवाई की जाए. वहीं नेमाराम के भाई अनिल महला ने बताया कि एजेंट ने उनके भाई को कनाडा जाने के लिए पांच लाख रुपए लिए थे  इसके लिए पहले 3 महीने रूस में ट्रेनिंग देने की बात कही थी. इसके बाद उन्हें कनाडा भेजना था. इसके बाद जब उनके भाई को रूस भेजा गया तो 1 महीने तक उन्हें बिना काम एक स्थान पर रखा गया.

इसके बाद उनके भाई को रशियन आर्मी में बॉर्डर पर युद्ध लेने भेज दिया गया. हालांकि 1 महीने तक हमारी भाई से बात होती रही, लेकिन पिछले एक महीने से उनसे कोई संपर्क नहीं हो रहा है. पिछले दिनों टेलीग्राम पर मेरे भाई का कॉल आया था, जिसमें उन्होंने बताया है कि उसे रशियन आर्मी में भेज दिया गया था. इसलिए तीन दिन से वह जख्मी थे. आज उन्हें होश आया है. उनके पैर में और हाथ में गोलियां लगी है. हमारी मांगे कि मेरे भाई को जल्द से जल्द भारत लाया जाए.
 

नेमाराम के साथ ही अन्य युवकों के भी जब रूसी सेना में भर्ती किए जाने के समाचार मिले, तो परिजन चिंतित हो गए और मौलासर थाने पहुंचे, जहां उन्होंने एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

एजेंटों ने दिया है झांसा, कार्रवाई करें सरकार

रूसी सेना में शामिल किए गए एक अन्य युवक रणजीत के पिता चेनाराम ने बताया कि मेरे बेटे रणजीत को रूस में बिजनेस के सिलसिले में भेजा गया था, जहां उसे आर्मी में शामिल कर लिया गया. रंजीत के साथ नेमाराम नाम का एक युवक और था, जिसके युद्ध में हाथ और पैर पर गोली लगी है. मेरे बेटे को भी चोटें आई हैं.

रूस में मेरे बेटे का फोन छीन लिया गया है. मेरा बेटा 26 जनवरी को नेमाराम के साथ रूस गया था. जबकि लादड़िया निवासी सुनील और सबलपुरा निवासी जितेंद्र कुमार 6 फरवरी को रूस भेजे गए थे. लेकिन इन्हें भी रूसी आर्मी में शामिल कर लिया गया. इन सब लड़कों को लड़ाई के लिए फ्रंट में भेज दिया गया है.

नेमाराम के पिता ने कहा कि यह सब एजेंटों का झांसा है, जो अच्छे पैसे का लालच देकर लड़को को विदेश भेज देते हैं और अपना प्रॉफिट ले लेते हैं. हमारी पुलिस से मांग की है कि हमारे बच्चे सुरक्षित वापस लाए जाए.

यह भी पढ़ें - रूस में राष्ट्रपति चुनाव के बीच पुतिन ने आखिर परमाणु हमले की धमकी क्यों दी? कहा-पूरी तरह से तैयार