Sachin Pilot: राजस्थान विधानसभा में लगातार चार दिनों से गतिरोध जारी है. बीजेपी के मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस लगातार धरना प्रदर्शन कर रही है. सदन भी ठप पड़ गया है. कांग्रेस के 6 विधायकों को निलंबित तक कर दिया गया है. लेकिन यह गतिरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अब सदन से बाहर भी भारी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. वहीं सोमवार (24 फरवरी) को सदन में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट भी पहुंचे थे. सचिन पायलट ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि समझौते की बात भी हुई कांग्रेस नेताओं ने गतिरोध पर खेद प्रकट किया. लेकिन सरकार की बारी आई तो खेद प्रकट करने से पीछे हट गए. सरकार की मंशा ही नहीं है कि सदन चलने दिया जाए.
प्रश्नकाल में जानबूझकर बिना संदर्भ इंदिरा पर टिप्पणी
सचिन पायलट ने कहा, पहली बार जो मंत्री बने हैं, कोई जिक्र इंदिरा जी का था ही नहीं, प्रश्न काल में जानबूझकर बिना संदर्भ उनका जिक्र किया गया. और उससे बड़ी बात यह है कि जो प्रदेश के प्रभारी है बीजेपी के अग्रवाल जी वह क्या टिप्पणी कर रहे हैं, वह जिम्मेदारी व्यक्ति हैं उनका मंत्री को बुलाना चाहिए कि हमारे देश को कोई पूर्व प्रधानमंत्री हो, उसके खिलाफ सदन के पटल पर.. आप चुनाव में बोलो भाषण में बोलो वह अलग बात है. लेकिन सदन के पटल पर शपथ लिया हुआ मंत्री एक देश की पूर्व प्रधानमंत्री और शहीद प्रधानमंत्री के बारे में ऐसी बात बोलता है और प्रदेश के प्रभारी उसका पीठ थपथपा रहे हैं. सरकार में यह मंशा बन गई है कि इस प्रकार का काम करो.. सदन को बंद रखो. लेकिन जनता जागरूक है. और कांग्रेस पार्टी का तमाम कार्यकर्ता और आपकी मैं गलतफहमी दूर कर दूं. हमारे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और हम सब लोग जो विधायक है. इन दोनों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. यह व्यक्तिगत इश्यू ही नहीं है.
सदन में इतना कह दें कि इंदिरा के खिलाफ हमारी दुर्भावना नहीं है
सचिन पायलट ने सदन चलाने को लेकर कहा कि आज भी कह रहे हैं वह मंत्री या सरकार का मुख्यमंत्री यह बोल दे. इतना ही इंदिरा गांधी के खिलाफ हमारी कोई दुर्भावना नहीं है. बस हम मात्र इतना ही मांग कर रहे हैं. अगर वह भी नहीं करना चाहते हैं. तो हमलोग भी यहां बैठे हैं सरकार भी यहां बैठी है. हमलोग डट कर मुकाबला करेंगे. पूरे प्रदेश देश में करेंगे. और जो हमारे 6 साथियों को निलंबित किया है. हम 66 लोग है हम एक जुटता के साथ रहेंगे और सदन सरकार को चलाना है तो मंत्री से माफी मंगवा ले हम सदन को चलाने को तैयार हैं.
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