पेपर लीक पर अब सचिन पायलट ने खोला मोर्चा, कहा- 'चकनाचूर हो जाते हैं सपने'

सचिन पायलट ने कहा, पेपर लीक प्रकरणों में की गई इन गिरफ्तारियों से आरपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग गया है.

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Sachin Pilot On Paper Leak Case: पूरे देश में प्रतियोगिता परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला सामने आ रहा है. जबकि राजस्थान में भी कई ऐसी प्रतियोगिता परीक्षाएं हैं, जिसमें पेपर लीक होने की वजह से उम्मीदवारों को काफी नुकसान पहुंचा है. जबकि उम्मीदवार हर प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन एग्जाम देने के बाद ही पेपर लीक का मामला सामने आता है. इससे मेहनत करने वालों की आत्मविश्वास भी कम होता है. सचिन पायलट ने भी इस बारे में कहा है कि छात्र प्रतियोगिता परीक्षा में अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं. लेकिन पेपर लीक होने से परीक्षा रद्द हो जाती है तो इससे उनके सपने चकनाचूर हो जाते हैं.

सचिन पायलट ने कहा, प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए जिम्मेदार संवैधानिक निकायों की विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर होते देखना निराशाजनक है. ऐसी परीक्षाओं के संचालन और उम्मीदवारों के चयन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार लोग बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल हैं.

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जो छात्र इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं, वे आधी रात को कड़ी मेहनत करते हैं और इन परीक्षाओं को पास करने के प्रयास में अपना सब कुछ झोंक देते हैं. जब पेपर लीक की बात सामने आती है या परीक्षा रद्द हो जाती है तो उनके सपने चकनाचूर हो जाते हैं. किसी को भी हमारे युवा पुरुषों और महिलाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है. निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा सुनिश्चित करना और दोषी पाए जाने वालों को सलाखों के पीछे डालना सरकार की जिम्मेदारी है. - सचिन पायलट
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RPSC की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान

सचिन पायलट ने राज्य सरकार से प्रदेश की प्रतिष्ठित संवैधानिक संस्था ‘राज्य लोक सेवा आयोग‘ की विश्वसनीयता को पुनर्स्थापित करने के लिए इसका पुनर्गठन करवाने की मांग की है. पायलट ने कहा कि विगत् सितम्बर, 2023 में ED द्वारा सैकण्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया गया था और अब SOG द्वारा सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका को गिरफ्तार किया गया है.  ईडी एवं एसओजी द्वारा पेपर लीक प्रकरणों में की गई इन गिरफ्तारियों से आरपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग गया है. उन्होंने कहा कि मैं पहले भी आरपीएससी की कार्यप्रणाली और चयन प्रक्रिया को लेकर अपना पक्ष रखता आया हूं और उन बातों की अब पुष्टि भी हो रही है.

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सचिन पायलट ने कहा कि रीट, सेकण्ड ग्रेड टीचर, सब इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर, वन रक्षक सहित दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक होने से प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के सपनों पर कुठाराघात हुआ है और उनके माता-पिता, परिवारजनों में निराशा व्याप्त हो गई है. युवाओं को अपना भविष्य अंधकार में लग रहा है और वे पूरी तरह से हतोत्साहित है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों युवा जो विपरीत परिस्थितियों पढ़-लिखकर नौकरी पाने के लिए परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे है और उनके माता-पिता जो दिन-रात मेहनत करके पैसे जुटाकर अपने बच्चों को शिक्षा के संसाधन उपलब्ध करवा रहे हैं, उन सभी में इन नये खुलासों से संशय की स्थिति बन रही है कि पेपर लीक होने पर मेहनत विफल ना हो जाये.

विश्वसनीयता कायम रखना सरकार का दायित्व

पायलट ने कहा कि हाल ही के बजट सत्र में घोषणा की गई है कि प्रदेश में चार लाख सरकारी नौकरियां दी जायेगी जिनमें से एक लाख सरकारी नौकरियां मार्च, 2025 तक दी जायेगी. ऐसे में इन सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं और इसकी चयन प्रणाली में पूरी पारदर्शिता होने के साथ ही परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं और उनके माता-पिता में परीक्षा लेने वाली संस्था के प्रति विश्वसनीयता कायम रखना सरकार का दायित्व है.

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