Sachin Pilot : राजस्थान में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मी शुरू हो गई है. लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है. इस बीच चुनाव से पहले दोनों दलों के नेताओं के बयान भी अहमियत भी बढ़ गई है. इस कड़ी में शनिवार को उदयपुर के दौरे पर पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. उदयपुर पहुंचे सचिन पायलट ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि लोकसभा चुनाव में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए.
उदयपुर के 2 दिवसीय प्रवास पर पहुंचे प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सर्किट हाउस में आज मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में अनूठे अंदाज में चुटकी लेते हुए जवाब दिए.
उन्होंने युवाओं को चुनाव में भागीदारी बढ़ाने की बात कही है. युवाओं को आगामी चुनाव में मौका मिलाना चाहिए. उन्होंने कहा ''मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि हमें नए लोगों को मौका देना चाहिए, जब तक हम नए लोगों को मौका नहीं देंगे तब तक नई ऊर्जा का संचार नहीं होगा. यह किसी एक व्यक्ति, संगठन, प्रदेश, या किसी जिले विशेष की बात नहीं है. जब जब हमने नौजवानों को मौका दिया है, तब तब लोगों ने उस पर आशा जताई है.''
सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तब उन्होंने जनता के हित के मुद्दे उठाए. आलाकमान ने भी उन मुद्दों को मानते हुए सरकार को उस पर काम करने के निर्देश दिए थे. इस दौरान उन्होंने कभी भी भाषा की मर्यादाओं को नहीं तोड़ा. पायलट ने कहा कि सभी को भाषा की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए.
करणपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल टीटी की मिली हार पर तंज करते हुए पायलट ने टीटी को देश का पहला अग्निवीर बताया. टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर खुशी जाहिर करते हुए पायलट ने कहा यह अच्छे संकेत है कि पार्टी नए लोगों को मौका दे रही है. यह पहला मौका है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष दोनों दलित वर्ग से आते हैं.
पायलट ने केंद्र सरकार पर महंगाई के मुद्दे को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस को दोषी करार देने में लगी हुई है. कांग्रेस के गौरवपूर्ण इतिहास को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. भाजपा के इतिहास में कोई भी महान नेता नहीं है. ऐसे में उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल और सुभाष चंद्र जैसे महापुरुषों को अपना नेता बनना पड़ रहा है.
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